नई दिल्ली
कुछ दिन पहले भारी गिरावट के बाद एक बार फिर खाद्य तेलों में तेजी बढ़ी है। विदेशी बाजारों में तेल कीमतों में मजबूती के रुख तथा मांग बढ़ने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों, मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन तेल सहित ज्यादातर तेलों के दाम बढ़ गए। बाजार सूत्रों ने कहा कि इंडोनेशिया द्वारा पामतेल पर निर्यात शुल्क में वृद्धि किये जाने के बाद मलेशिया एक्सचेंज में पामतेल के भाव में पांच प्रतिशत सुधार देखने को मिला। इसका तेल तिलहन कारोबार पर असर पड़ा और भाव लाभ दर्शाते बंद हुए।
बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 5 प्रतिशत और शिकागो एक्सचेंज में दो प्रतिशत की तेजी देखी गई, जिसका स्थानीय तेल तिलहन कीमतों पर असर हुआ। सूत्रों ने कहा कि इंडोनेशिया ने जो कदम उठाया है उससे हमें यह सबक लेना चाहिये कि हम देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के हरसंभव प्रयास करें ताकि इसके आयात की निर्भरता को हमेशा के लिए समाप्त किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि अगर किसानों को तिलहनों के अच्छे दाम मिले तो वे खुद ही उत्पादन बढ़ाने की क्षमता रखते हैं।
उन्होंने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक कम हो रही है और किसान नीचे भाव पर फसल बेचने को राजी नहीं हैं। बंगाल, बिहार और असम की ओर से राजस्थान के सरसों तेल मिलों में सरसों तेल की जोरदार मांग है। मांग बढ़ने और मंडियों में कम आवक के कारण सरसों तेल तिलहन के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए। एफएसएसआई के मुताबिक आठ जून से खाद्य तेलों में सरसों तेल की मिलावट नहीं की जाएगी।
Comments
Add Comment