20 हजार का इनामी बालिस्टर गुर्जर गिरफ्तार, मुरैना, शिवपुरी व श्योपुर में 13 केस दर्ज


श्योपुर
चंबल में अभी डकैतों की सक्रियता कम नहीं हुई है। चंबल के किनारे छुपकर मध्यप्रदेश-राजस्थान में सक्रिय डकैत गुड्‌ढा गुर्जर के बाएं हाथ बॉलिस्टर गुर्जर को पुलिस ने पकड़ा है। उसके खिलाफ मुरैना, शिवपुरी और श्योपुर में 13 मामले दर्ज हैं और उस पर 20 हजार रुपए का इनाम भी था। एक जमाने में चंबल में माधौसिंह, मोहर सिंह, मलखान सिंह व पानसिंह तोमर जैसे डकैत हुआ करते थे। गुड्‌डा गुर्जर और केशव गुर्जर दो गिरोह अब भी सक्रिय हैं। इनकी तलाश उत्तर प्रदेश पुलिस को भी है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायसिंह नरवरिया ने बताया कि शुक्रवार शाम सात बजे पुलिस को मुखिबर से सूचना मिली कि आरोपी बामौर के ग्राम चक पहाड़ी के जंगल में किसी से मिलने आने वाला है। फिलहाल, गांव के एकांत में बने हाईस्कूल में छुपा हुआ है। सूचना पाते ही SP ललित शाक्यवार ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायसिंह नरवरिया एवं SDOP बामौर को कार्रवाई के लिए कहा।

पुलिस की टीम शुक्रवार शाम सात बज से पहले ही चक पहाड़ी गांव पहुंची। गाड़ियों को घटनास्थल से काफी दूर ही खड़ा कर पैदल बामौर गांव पहुंची और शासकीय हाईस्कूल को घेर लिया। वहां मुखबिर के बताए हुलिया पर एक व्यक्ति हाथ में बंदूक लिए बैठा था। पुलिस की आहट पाते ही उसने जंगल की तरफ भागने की कोशिश की। जिस पर पुलिस ने घेरा डालकर उसे पकड़ लिया। पूछताछ करने पर उसने अपना नाम बालट्‌टर उर्फ बालिस्टर गुर्जर, पिता- ओछे सिंह गुर्जर, निवासी ग्राम दुधारी बताया। बालिस्टर गुड्‌डा गैंग का सक्रिय इमामी डकैत है।

बालिस्टर गुर्जर के पास से पुलिस ने एक 315 बोर की बंदूक और तीन जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। इसके खिलाफ मुरैना, शिवपुरी व श्योपुर में 13 मामले हत्या व लूट के दर्ज हैं। बालिस्टर गुर्जर को पकड़ने के लिए मुरैना, जौरा, सुमावली, निरार और पहाड़गढ़ की पुलिस तलाश कर रही थी। उसे श्योपुर की चिलवानी थाने की पुलिस भी डकैती के मामले में तलाश रही थी। बालिस्टर गुर्जर ने पुलिस को बताया कि उसके बड़े भाई दशरथ गुर्जर पर भी श्योपुर व मुरैना में इनाम घोषित है। वह भी गुड्‌डा गैंग का सदस्य है।

केशव गुर्जर पिछले 10 वर्षों से फरार चल रहा है। इसके खिलाफ मुरैना व राजस्थान में हत्या, डकैती, अपहरण व लूट के लगभग 20 मामले रजिस्टर्ड हैं। इसके ऊपर राजस्थान पुलिस ने दो लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। मध्य प्रदेश पुलिस ने 25 हजार रुपए इनाम घोषित कर रखा है। इसकी गैंग में 8 से 10 लोग शामिल हैं। यह सभी लोग एक जगह पर बहुत कम मिलते हैं। यह अलग-अलग रहकर भी अपराध करते हैं। जब बड़ा अपराध करते हैं तो एक साथ करते हैं तथा छोटे गैंग से लोगों को शामिल कर लेते हैं।

यह गैंग चंबल नदी के आस-पास के जंगलों, जैसे पहाड़गढ़, धौलपुर व मुरैना के बीच के जंगल में अधिक मूवमेंट करती है। पुलिस ने बताया कि इनके अभी तक न पकड़े जाने के पीछे मुख्य कारण इनके परिचित लोगों के गांव हैं, जो इनकी शरणस्थली बने हुए हैं। गांव के लोग ही इन डकैतों को राशन, सामान व अन्य सुविधाएं मुहैया कराते हैं। यहां तक कि इन्हें असलहा भी मुहैया कराया जाता है।

चंबल का दूसरा सबसे बड़ा डकैत गिरोह गुड्‌डा गुर्जर का है। इस गैंग का मुखिया गुड्‌डा गुर्जर है। इस पर मध्यप्रदेश पुलिस ने 60 हजार रुपए इनाम रखा है। इस पर भी हत्या, अपहरण, डकैती व लूट सहित लगभग 15 मामले दर्ज हैं। इस गैंग का मूवमेंट राजस्थान के धौलपुर, मुरैना व श्योपुर में अधिक रहता है। गुड्डा और केशव दोनों ही क्षेत्र चंबल से जुड़े हैं। इनका गैंग चंबल नदी के किनारे बने गांवों में अधिक रहता है।

एक महीने पहले गुड्‌डा गुर्जर गैंग से बामौर थाना पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। यह मुठभेड़ मुरैना के जौरा क्षेत्र के अर्न्तगत करैरा बांध पर हुई थी। मुठभेड़ में पुलिस की टीम का नेतृत्व बामौर थाना TI संतोष यादव कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उनकी एक गोली गुड्‌डा गुर्जर के बाएं पैर में ऊपर की तरफ लगी थी। गोली लगने से वह घायल हो गया था। उसके साथ सामान ढोने वाले लोग भी चल रहे थे। पुलिस पीछा कर रही थी, उसी वक्त कुछ ग्रामीण उधर से निकले, जिससे पुलिस को फायरिंग रोकना पड़ी थी। इसी बात फायदा उठाकर व रात का समय होने के कारण वह भाग गया।

बामौर थाना के प्रभारी संतोष यादव ने बताया कि मेरे साथ गुड्‌डा गुर्जर गिरोह की मुठभेड़ एक माह पहले हुई थी। वह बहुत चालाक है। उसकी मुखबिरी नहीं लग पाती है। मुठभेड़ में हमारी गोली उसके पैर में लगी थी लेकिन वह भाग निकला। उसकी तलाश में हम बराबर, दबिश दे रहे हैं।

The Naradmuni Desk

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