भोपाल
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में कोरोना से ज्यादा खौफ नहीं है। कोरोना से बचाने के लिए सुरक्षा कवच के रूप में वैक्सीन लगवाने ग्रामीणों की रुचि नहीं है। अब तक ग्रामीण अंचलों में केवल 29680 लोगों ने वैक्सीन लगवाया है। इसमें भी सेकंड डोज लगवाने वाले तो काफी कम है। केवल 3 हजार 810 लोगों ने कोरोना वेक्सीन का दूसरा डोज लगवाया है।
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में कोरोना संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटरों में रहकर इलाज करा रहे ग्रामीणों को समय पर मेडिकल किट भी नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों द्वारा कुल 41 हजार 689 मेडिकल किट की मांग इन कोरोना संक्रमितों के लिए की गई थी। लेकिन इनमें से केवल 19 हजार 267 मेडिकल किट ही उपलब्ध हो पाए है। अभी भी 22 हजार 422 कोरोना पॉजीटिव मरीज मेडिकल किट का इंतजार कर रहे है। कोरोना पॉजीटिव मरीजों को मेडिकल किट के लंबे इंतजार के चलते होम आइसोलेशन में रहने वाले कोविड मरीजों की स्थिति खराब हो रही है और इनमें से अस्पताल ले जाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में लक्षणों के आधार पर संभावित कोविड संक्रमितों की संख्या एक लाख 64 हजार 331 है लेकिन इनमें से केवल 39 हजार 477 को ही कोविड की मेडिकल किट उपलब्ध करवाई गई है।
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में 1 लाख 3649 ग्रामीण पंजीयन कराने के बाद कोविड वेक्सीनेशन का इंतजार कर रहे है। अब तक ग्रामीण अंचलों में 29680 ग्रामीणों ने ही कोविड टीकाकरण कराया है। टीकाकरण के बाद आने वाले बुखार, शरीर में दर्द, बेचैनी और अन्य समस्याओं को देखते हुए ग्रामीण वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने से डर रहे है। इसके चलते पहला डोज लगवाने के बाद भी सेकंड डोज लगवाने ज्यादा लोग आगे नहीं आए है। अब तक केवल 3810 ग्रामीणों ने ही कोरोना से बचाव के लिए सेकंड डोज लगवाया है।
Comments
Add Comment