डाटा एंट्री ऑपरेटर पर आया कलेक्टर का दिल : मंत्री का महिला मित्र को लेकर पत्नी से विवाद : अकेले पड़ गए मंत्री जी


डाटा एंट्री ऑपरेटर पर आया कलेक्टर का दिल
प्रदेश के एक बड़े और हाईप्रोफाइल जिले के कद्दावर कलेक्टर का दिल डाटा एंट्री ऑपरेटर काम करने वाली एक युवती पर क्या आया उन्होंने खरीदी-बिक्री से लेकर भुगतान तक के अधिकार मैडम को दे दिए। अब अधिकार मिलते ही मैडम अपनी न सिर्फ हैसियत भूल गई उनके बात करने का अंदाज भी बदल गया। उन्हें जूनियर-सीनियर में फर्क भी समझ नहीं आने लगा। इसी बीच वो एक डॉक्टर से विवाद कर बैठी तो मामला भोपाल स्थित मंत्रालय तक पहुंच गया। आखिरकार मैडम से पूरे अधिकार वापस लेकर मूल काम करने के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि कलेक्टर साहब अब भी मैडम से उतना ही प्यार करते हैं जितना पहले करते थे।

मंत्री जी का महिला मित्र को लेकर पत्नी से विवाद
प्रदेश के एक मंत्री जी अपने रंगीन मिजाज मंत्री मानने को तैयार ही नहीं है। जबकि उनके किस्से बेहद आम हो चुके हैं। दरअसल अपने शासकीय बंगले पर एक महिला से मंत्री जी मिल रहे थे तभी उनकी पत्नी अचानक आ गई। हालांकि मंत्री जी का पीए भी इस दौरान बंगले पर मौजूद था। लेकिन वो मंत्री जी को अंदर जाकर कुछ बता पाता इससे पहले उनकी पत्नी कमरे में अंदर पहुंच गई। इसके बाद पत्नी का मंत्री जी समेत उनकी मित्र से जमकर विवाद हुआ। कुछ दिन पहले यह मंत्री जी एक महिला को अपना ओएसडी बना लिया था इस पर उनकी पत्नी ने जमकर बवाल किया था जिसके बाद उसे मंत्री जी को हटाना पड़ा था। 

अकेले पड़ गए मंत्री जी
मुख्यमंत्री बनने के सपने देखने वाले एक कद्दावर मंत्री जी आजकल अकेले पड़ते जा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है उनका निज सहायक। कोई मंत्री या विधायक जैसे ही इन मंत्री जी को कोई काम बताता है उनके निज सहायक का फोन सीधे संबंधित व्यक्ति या अधिकारी के पास पहुंच जाता है जिनका काम लेकर विधायक या मंत्री आए हैं। इस फोन के जरिए उससे व्यक्ति से भारी भरकम डिमांड की जाती है। पूरी नहीं होने पर उस व्यक्ति का काम बिगाड़ दिया जाता है। निज सहायक की हरकतों को लेकर अब इन कद्दावर मंत्री से प्रदेश के अधिकांश मंत्री और विधायक नाराज रहने लगे हैं। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रयास कर रहे हैं तब ऐसे तेवर हैं तो जब मुख्यमंत्री बन गए तो पता नहीं हम लोगों के साथ कैसा व्यवहार करेंगे। वैसे उनका यह निज सहायक रुपयों के लेन देन को लेकर हमेशा से विवादों में रहा है। उसके खिलाफ एफआईआर होने के बावजूद मंत्री जी उसे छोड़ने के लिए क्यों तैयार नहीं है इसकी वजह सबको समझ आती है।

कमिश्नर बनने के लिए प्रयास शुरू
भोपाल संभाग के कमिश्नर कविन्द्र कियावत अगले कुछ महीने में रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में भोपाल कमिश्नर बनने के लिए आईएएस अधिकारियों ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसमें सबसे उपर हैं ऐसे आईएएस अधिकारी जो भोपाल में कलेक्टर भी रह चुके हैं। कोरोना काल में इन्होंने जमकर चुनौती को अवसर बनाया है। इन पर एक सीनियर और प्रदेश में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले एक आईएएस अधिकारी आजकल मेहरबान भी हैं। ऐसे में यह मानकर चल रहे हैं कि भोपाल के अगले कमिश्नर यही होंगे। अब देखना होगा कि अपने मंसूबे में यह कितना सफल हो पाते हैं।

ओएसडी बनेंगे कियावत, कार्तिकेय के साथ कर रहे हैं दौरे
भोपाल कमिश्नर कविन्द्र कियावत का रिटायर होने के बाद मुख्यमंत्री का ओएसडी बनना लगभग तय हो चुका है। ओएसडी बनकर उनकी जिम्मेदारी क्या होगी यह भी लगभग अभी से तय हो चुका है। कियावत को मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी की जिम्मेदारी संभालने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसी वजह से आजकल कियावत बुधनी क्षेत्र में जमकर सक्रिय हैं। वे वहां के लोगों से न सिर्फ मुलाकातें कर रहे हैं बल्कि उनकी समस्याओं का निदान भी तुरंत कर रहे हैं। उनके दौरे में उनके साथ मुख्यमंत्री के बड़े बेटे कार्तिकेय भी साथ होते हैं। 

क्या फिर हटेंगे मुरैना कलेक्टर, ग्वालियर और जबलपुर भी निशाने पर
मुरैना से चार महीने पहले ही अनुराग वर्मा को कलेक्टर पद से हटाकर भोपाल पदस्थ किया गया था। उनके स्थान पर बी कार्तिकेयन को पदस्थ किया गया था। लेकिन अब जल्द ही कार्तिकेयन को भी हटाकर भोपाल पदस्थ किया जा सकता है। बताया जाता है कि स्थानीय नेताओं से उनकी पटरी नहीं बैठ रही है। वैसे कार्तिकेयन अच्छी छवि वाले आईएएस अधिकारी हैं और खुद भी मुरैना में नहीं रहना चाहते हैं। इसी तरह ग्वालियर कलेक्टर केवी सिंह को हटाने के लिए भाजपा नेता दो धड़े में बंट गए हैं। मूल तौर पर भाजपा से संबंध रखने वाले नेता कलेक्टर की कार्यप्रणाली से खुश हैं जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा ज्वाइन कर विधायक और मंत्री बनने वाले भाजपा नेता उन्हें हटाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से कौन भाजपा नेता ज्यादा पॉवरफुल साबित होंगे। इसी तरह जबलपुर कलेक्टर का हटना लगभग तय हो चुका है। कोरोना काल में पूरे प्रदेश में यदि सबसे ज्यादा कहीं विवाद सामने आए हैं तो वो जबलपुर ही है। ऐसे में सरकार उनकी कार्यप्रणाली से जमकर नाराज है। 

रिटायर होने के बाद सरकार हिला दूंगा
दुनिया हिला दूंगा कि तर्ज पर आजकल एक सीनियर आईएएस की जुबान पर सिर्फ एक ही जुमला होता है रिटायर होने के बाद सरकार हिला दूंगा। एक समय था जब साहब की पूरे प्रदेश में तूती बोलती थी। इनसे कोई काम बोलना तो दूर सीनियर अधिकारी तक बात करने में घबराते थे। डरते थे कि साहब को कोई बात बुरी नहीं लग जाए। लेकिन समय का पहिया ऐसे घूमा कि साहब अर्श से फर्श पर आ गए। भोपाल से दिल्ली गए फिर वापस भोपाल आ गए। अब किसी तरह अपना समय काट रहे हैं। वैसे साहब का कहना है कि वे रिटायर होकर एक्टिविज्म करेंगे और सरकार के घपले-घोटाले उजागर करेंगे। वहीं सरकार साहब के कार्यकाल में हुए घपलों-घोटालों पर उजागर करने की न सिर्फ तैयारी कर चुकी है बल्कि उन पर कार्रवाई करने की भी तैयारी कर रही है। 

आईपीएस से परेशान दो जिले के पुलिस अधीक्षक
प्रदेश के एक विवादित आईपीएस से दो जिले के पुलिस अधीक्षक बेहद परेशान हैं। यह आईपीएस साहब इन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को फोन कर कभी किसी को छोड़ने को कहते हैं तो कभी किसी को पकड़ने को। इनकी पत्नी के मजबूत राजनीतिक संबंध होने की वजह से इनका पारा हमेशा सातवे आसमान पर रहता है। इसी वजह से दोनों जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इनकी हर जायज-नाजायज मांग सुननी पड़ती है। वैसे यह आईपीएस साहब खुद भी कभी दो शादी को लेकर विवादों में आते हैं तो कभी फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर।

कारोबारी को छोड़ने की डील काम नहीं आई
प्रदेश के एक बड़े जिले के पुलिस कप्तान ने एक कारोबारी को छोड़ने के लिए डील कर ली थी। कारोबारी पर दुष्कर्म के आरोप थे। डील भी लगभग पचास लाख रुपये में हुई थी। लेकिन मामले ने अचानक मीडिया में जमकर तूल पकड़ लिया। साहब के जिले से भोपाल तक हंगामा होने लगा तो साहब को मजबूरी में कारोबारी को गिरफ्तार करना पड़ा। ऐसे में जाहिर तौर कारोबारी ने डील की रकम वापस मांगी तो कप्तान साहब ने उसे आश्वासन दिया है कि चालान पेश करने के दौरान मदद कर दी जाएगी। अब देखना होगा कप्तान साहब इस मामले में चालान पेश होने तक जिले में रुकते हैं या रुखसत हो जाते हैं। 
Abhishek Dubey

Abhishek Dubey

A journalist with more than 15 years of experience in investigative reporting