नई दिल्ली
भारत के टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआइटीए) पर सभी को गुमराह करने का आरोप लगाया है। बोपन्ना का मानना है कि एआइटीए ने आनन-फानन में उनकी जोड़ी सुमित नागल के साथ बनाई और कहा कि ओलिंपिक जाने का मौका है। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और सभी को गुमराह किया गया।
इस पर एआइटीए ने कहा कि हम बोपन्ना को गुमराह नहीं, बल्कि उन्हें ओलिंपिक में भेजने के लिए मदद कर रहे थे। इस घटना को टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने भी शर्मनाक बताया है। एआइटीए ने टोक्यो खेलों में पुरुष डबल्स स्पर्धा के लिए पहले बोपन्ना और शरण की जोड़ी के लिए नामांकन का एलान किया था। बोपन्ना (विश्व रैंकिंग 38) और शरण ( विश्व रैंकिंग 75) की संयुक्त रैंकिंग 113 क्वालीफिकेशन हासिल करने में नाकाम रही।
अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आइटीएफ) के अनुसार, 16 जुलाई की समय सीमा से कुछ दिन पहले यह जोड़ी विकल्प की सूची में पांचवें स्थान पर थी। नागल ने इसके बाद पुरुष सिंगल्स के लिए क्वालीफाई कर लिया।कोविड-19 महामारी के कारण ओलिंपिक में टेनिस में डबल्स मुकाबलों को उन खिलाडि़यों को प्राथमिकता दी जा रही है जिन्होंने सिंगल्स के लिए क्वालीफाई किया है। एआइटीए ने पुरुष डबल्स में नागल के साथ बोपन्ना की जोड़ी बना दी।
बोपन्ना ने ट्वीट किया, 'आइटीएफ ने कभी भी सुमित नागल और मेरी जोड़ी को स्वीकार नहीं किया। आइटीएफ स्पष्ट था कि नामांकन की समय सीमा (22 जून) के बाद चोट/बीमारी के बिना किसी भी बदलाव की अनुमति नहीं थी। एआइटीए ने खिलाडि़यों, सरकार, मीडिया और बाकी सभी को यह कहकर गुमराह किया है कि हमारे पास अभी भी मौका है।'
जवाब में एआइटीए के महासचिव अनिल धूपर ने कहा, 'हमने आइटीएफ को लिखा था कि हम नामांकन बदलना चाहते हैं और अब नागल के साथ बोपन्ना की जोड़ी बनाना चाहते हैं, इसलिए कृपया हमें सलाह दें कि कैसे आगे बढ़ना है। उन्होंने हमें इसका जवाब दिया कि नामांकन केवल चोट और बीमारी या किसी विशेष परिस्थिति में ही बदले जा सकते है।
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