CM की लीडरशिप में इसी माह कार्यसमिति के सदस्यों की घोषणा, बैठक संभावित


भोपाल
निगम- मंडल और प्रदेश भाजपा संगठन में नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की सहमति के बाद जल्द ही नामों पर फैसला हो सकता है। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा केंद्रीय नेतृत्व से संगठन में नियुक्तियों को लेकर पिछले माह हुई चर्चा के बाद सीएम से हुई उनकी चर्चा के बाद इसकी उम्मीद बनी है।

इसके बाद इसी माह कार्यसमिति के सदस्यों की घोषणा हो सकती है जो पूर्व की तरह जंबो नहीं होगी। इसको लेकर कल भी प्रदेश अध्यक्ष और सीएम के साथ बैठक संभावित है जिसमें सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल होंगे।

 सिंधिया के प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री चौहान के साथ होने वाली बैठक में सिंधिया समर्थक मंत्रियों के कामकाज और उपचुनाव के दौरान की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा पर भी चर्चा होना तय है। साथ ही खाली पड़े निगम मंडल अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पदों पर पार्टी के सीनियर और एक्टिव नेताओं को मौका देने वाले हैं। इनमें शामिल होने वाले नामों को लेकर मुख्यमंत्री चौहान के साथ सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष शर्मा और अन्य नेताओं के बीच कल दोपहर में चर्चा होगी।

सिंधिया दोपहर में भोपाल आने के बाद दिन भर सीएम निवास और प्रदेश भाजपा कार्यालय में होने वाली बैठकों में शामिल रहेंगे। इन बैठकों में मंत्रियों की उपस्थिति भी हो सकती है, हालांकि इसका कोई आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहवे रात भोपाल में रुकेंगे और गुरुवार को भिंड व ग्वालियर जाएंगे।

सूत्रों का कहना है कि सबसे अधिक जोर आजमाईश ग्वालियर चंबल के लोगों को सत्ता और संगठन में स्थान दिए जाने को लेकर चल रही है। इसलिए सीएम चौहान और प्रदेश संगठन सिंधिया के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य वरिष्ठ नेताओं की आम सहमति से नाम तय करना चाहते हैं।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा कार्यसमिति के सदस्यों और प्रवक्ताओं, मीडिया पैनलिस्टों की सूची जल्द जारी करने वाले हैं। इसमें यह तो साफ है कि युवाओं का नेतृत्व अधिक होगा लेकिन इसमें सिंधिया के साथ कांग्रेस में आए नेताओं को भी पर्याप्त तवज्जो मिले, यह सिंधिया की कोशिश है। इसी पर आमराय बनाने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष शर्मा के साथ भी सिंधिया की बैठकें होंगी।

इस दौरान प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन मंत्री हितानंद शर्मा भी मौजूद रहेंगे। पहले कोरोना की पहली लहर, फिर विधानसभा उपचुनाव, दमोह उपचुनाव और कोरोना की दूसरी लहर के चलते ये संगठनात्मक नियुक्तियां अटकती रही हैं।

 

The Naradmuni Desk

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