उज्जैन
श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर बाबा महाकाल प्रजा का हाल जानने निकले। अवंतिकानाथ आज चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर रूप और हाथी पर मनमहेश रूप में दर्शन दिए। महाकाल की सवारी शादी ठाठ बाट के साथ शाम चार बजे मंदिर से रवाना हुई। कोविड नियमों के तहत निकलने वाली सवारी में पुलिस का अश्वरोही दल, सशस्त्रबल की टुकड़ी तथा पुलिस बैंड शामिल किया गया है। मंदिर प्रशासन ने पालकी के साथ केवल पुजारी, कहार व कर्मचारियों को चलने की अनुमति दी है। आम दर्शनार्थियों का सवारी मार्ग पर प्रवेश प्रतिबंधित है। निर्धारित मार्ग से होकर सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां महाकाल पेढ़ी पर पुजारी भगवान का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट के रास्ते पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी। रास्ते में हरसिद्धि मंदिर पर शिव शक्ति का मिलन कराया जाएगा।
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