धरमजयगढ़
हाथियो की निगरानी के लिए वन विभाग की टीम ने वाइल्ड लाइफ से अनुमति लेकर ट्रेंकुलाइज कर 'प्रथम हाथीझ् को कॉलर आईडी लगाया था। लेकिन वह कॉलर आईडी पाली गाव के जंगलो मे पडा हुआ मिला। इससे हाथियो के दल पर निगरानी रख पाना मुश्किल हो गया है।
इस कॉलर आईडी को लगाने के पीछे वन विभाग का यही मकसद था कि हाथी के लोकेशन की जानकारी मिल सके और स्थिति से आसपास के ग्रामीणों को आगाह किया जा सके, ताकि कोई जनहानि ना हो। विभागीय अधिकारियों ने बताया किपहली बार छत्तीसगढ़ की टीम ने ही 'प्रथम हाथीझ् को ट्रेंकुलाइज कर कॉलर आईडी लगाया था। लेकिन अब प्रथम हाथी को लगाया गया कॉलर आईडी धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल वन परिक्षेत्र अंतर्गत लोटान बीट के कटाई पाली गांव के जंगल के पास कक्ष क्रमांक 496 आर एफ में पड़ा हुआ मिला।
इस संबंध में छाल वन परिक्षेत्र अधिकारी राजेश कुमार चौहान ने बताया कि हो सकता है कि आम या कटहल वगैरह खाते समय पेड़ की डाल में फंसकर कॉलर आईडी टूट कर गिर गया हो, कॉलर आईडी के गिरने की वजह से अब 'प्रथम हाथीझ् का लोकेशन मिल पाना मुश्किल होगा जिसके कारण ग्रामीणों के जान माल की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें सतर्क रहने की हिदायत दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि चूंकि प्रथम हाथी ज्यादा उग्र स्वभाव का नहीं है इसलिए ज्यादा खतरे की बात नहीं है फिर भी मैदानी अमले,हाथी मित्र दल के सदस्यों व फॉरेस्ट स्ट्राइक फोर्स के माध्यम से लगातार प्रथम हाथी का लोकेशन प्राप्त करने का प्रयास और उस पर निगरानी रखने की कवायद लगातार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही फिर से प्रथम हाथी को कालर आईडी लगाने का प्रयास किया जाएगा।
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