केंद्र सरकार: 12वीं परीक्षाएं रद्द होने के बाद अब मूल्यांकन पर टिकीं स्टूडेंट्स की निगाहें


भोपाल
केंद्र सरकार द्वारा सीबीएसई की हायर सेकेण्ड्री बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने के बाद मप्र ने भी एमपी बोर्ड ने 12वीं  के एग्जाम न कराने का आदेश जारी कर दिया। दोनों बोर्ड की परीक्षाएं रद्द होने के बाद अब छात्रों की निगाहें मूल्यांकन पद्धति पर टिकी हुई हैं। छात्रों में इस बात की बेचैनी है कि उनकी वार्षिक परीक्षाओं का रिजल्ट किस आधार पर तय किया जाएगा।
 
  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सीबीएसई 12वीं कक्षा की मूल्यांकन नीति तय करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। शीर्ष अदालत ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान केंद्र के 12वीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर खुशी जाहिर की। लेकिन पीठ ने कहा कि याचिका का निपटारा तब तक नहीं किया जा सकता जब तक केंद्र एक स्पष्ट मूल्यांकन नीति पेश नहीं करता।

एडवोकेट ममता शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर देशभर में कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति के बीच होने वाली 12वीं परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी।  याचिका में केंद्र, सीबीएसई और आईएससीई को 12वीं की परीक्षा रद्द करने का निर्देश देने और निश्चित समय-सीमा में परिणाम घोषित करने के लिए वस्तुनिष्ठ प्रणाली तय करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में एक निश्चित समयसीमा में 12वीं का परिणाम घोषित करने के लिए एक कार्यप्रणाली तैयार करने का भी निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है। दो सप्ताह के भीतर मूल्यांकन के नियम पेश करे। कोर्ट मूल्यांकन नीति के हर पहलू की समीक्षा करेगा ताकि अगर किसी को किसी भी तरह की कोई आपत्ति हो तो उसका हल निकाला जा सके। यह भी परीक्षा रद्द करने जैसे फैसले जितना महत्वपूर्ण है। पीठ ने कहा कि कोर्ट मूल्यांकन नीति पेश करने के लिए इससे ज्यादा समय नहीं दे सकता क्योंकि विद्यार्थियों को देश विदेश के कॉलेजों में दाखिला लेना है।

मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं रद्द होने के बाद अब मूल्यांकन को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग और माशिमं के अधिकारियों के बीच मंथन चल रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि पिछली तीन वार्षिक परीक्षाओं 9वीं-10वीं और 11वीं के रिजल्ट के आधार पर 12वीं की परीक्षा का मूल्यांकन किया जा सकता है। हालांकि बोर्ड के अधिकारी अभी मूल्यांकन पद्धति को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कह रहे हैं। अधिकारियों का तर्क है कि परीक्षाओं के मूल्यांकन का निर्णय मंत्री समूह की सिफारिशों के आधार पर होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि 12वीं की परीक्षा का मूल्यांकन वैज्ञानिक पद्धति से किया जाएगा। जो छात्र बाद में परीक्षा देना चाहेंगे उनकी परीक्षा कराई जाएगी।

सीबीएसई के अफसरों की मानें तो कक्षा 12वीं का रिजल्ट एक उपयुक्त व उचित क्राइटेरिया के आधार पर समयबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा। पिछले साल की तरह, यदि कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा।

 

The Naradmuni Desk

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