लोजपा अध्यक्ष पद से हटाए गए चिराग, सूरजभान सिंह होंगे नए पार्टी चीफ


नई दिल्ली
 एलजेपी (LJP) के अध्यक्ष पद से चिराग पासवान (Chirag Paswan) को हटा दिया गया है. चिराग पासवान ने 4 बजे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. बैठक में बड़ा फैसला लिया जा सकता है. बागी सांसदों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है. चिराग पासवान और उनके समर्थक अब आर-पार के मूड में हैं. चिराग पासवान ने भारी मन से अब आगे की कार्रवाई का मन बना लिया है.
 
सूरजभान सिंह LJP के नए कार्यकारी अध्यक्ष
चिराग पासवान (Chirag Paswan) को एलजेपी (LJP) के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सूरजभान सिंह (Suraj Bhan Singh) को नया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. चिराग पासवान को भाई प्रिंस की गद्दारी से गहरा आघात पहुंचा है. चिराग को चाचा की हरकतों पर आश्चर्य नहीं लेकिन प्रिंस का साथ देना उनके लिए सबसे ज्यादा दुख पहुंचाने वाला है. जिन लोगों को दूसरी पार्टियों ने कभी पूछा नहीं ऐन मौके पर टिकट देकर उन लोगों को चिराग पासवान ने सांसद बना दिया. महबूब अली कैसर और चंदन सिंह और वीना सिंह इसके जीते जागते सबूत हैं. होली के समय ही चिराग पासवान ने छह पन्नों का पत्र लिखकर पशुपति पारस से तमाम मसलों पर गिले शिकवे दूर करने की कोशिश की थी.

चिराग पासवान ने किया भावुक ट्वीट
गौरतलब है कि पार्टी में हुई बगावत को लेकर चिराग पासवान ने पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने अपने चाचा के नाम के नाम भावुक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि पापा की मौत के बाद आपके व्यवहार से मैं टूट गया। मैं पार्टी और परिवार को साथ रखने में असफल रहा। बता दें कि चिराग एक पुराना पत्र भी ट्विटर पर साझा किया। चिराग पासवान ने ट्वीट में लिखा, 'पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया, लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं। एक पुराना पत्र साझा करता हूं।'

BJP का क्या है प्लान?
लेकिन ये सारा खेल BJP के बिना पूरा नहीं होगा. BJP चुपचाप अभी खेल देख रही है. बिहार विधान सभा चुनाव के बाबत भी जब LJP ने एकला चलो का नारा दिया उस समय भी BJP चुप रही. चिराग अपने आप को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते रहे. नीतीश कुमार के कहने पर ही BJP ने स्थिति स्पष्ट की कि उनका गठबंधन नीतीश कुमार के साथ है और कोई भी नरेंद्र मोदी का नाम अपने साथ नहीं जोड़ सकता. ये अलग बात कि चुनाव की पहली रैली में नरेंद्र मोदी ने रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी थी.

क्या हैं बिहार के समीकरण
बिहार में 243 सीटें हैं. आज की तारीख में NDA के पास 127 विधायक हैं. 110 महागठबंधन के पास और 5 AIMIM के. मतलब 242. एक विधायक मेवा लाल चौधरी की मौत कोरोना से हो गई है. अगर NDA की बात करें तो 127 में 4-4 विधायक जीतन राम मांझी की HUM और 4 मुकेश साहनी की VIP पार्टी से हैं. जो NDA के लिए कमज़ोर कड़ी है. अगर ये 8 निकल जाते हैं तो NDA 119 पर जाएगा और अगर ये लोग महागठबंधन के साथ गए तो वो 118 हो जाएंगे. साथ में 5 विधायक AIMIM के आ गए तो उनकी शक्ति123 की हो जाएगी यानी बहुमत.
मतलब साफ है कि राजनीति की पाठशाला बिहार में अभी बहुत कुछ होना बाकी है.

 

 

The Naradmuni Desk

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