- एसपी लोकायुक्त राजेन्द्र वर्मा ने पुलिस मुख्यालय से की शिकायत
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधीक्षक अजय पांडे और सीआईडी पुलिस मुख्यालय में पदस्थ संजय अग्रवाल पर गलत तरीके से अपनी सीनियॉरिटी बदलने के आरोप लगे हैं। यह आरोप 1997 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी और वर्तमान में लोकायुक्त एसपी रीवा के तौर पर पदस्थ राजेन्द्र वर्मा ने लगाए हैं। वर्मा ने इसकी शिकायत पुलिस मुख्यालय में प्रशासन शाखा को की है। वहीं इस मामले में पांडे का कहना है कि सारी प्रक्रिया नियामनुसार ही पूरी की गई है।
वर्मा के मुताबिक 1997 की लोक सेवा आयोग से चयनित डीएसपी चयन सूची में पांडे और अग्रवाल का नाम प्रतीक्षा सूची में था। यह दोनों नाम उनसे नीचे थे। लेकिन 2016 में अचानक लोक सेवा आयोग से इस मामले में अभिमत लेकर ग्रेडिंग सूची में पांडे और अग्रवाल को उनकी वास्तविक स्थिति से पांच नामों के उपर कर दिया गया। अब पांडे और अग्रवाल के बाद मुन्नालाल चौरसिया, दिलीप कुमार सोनी, सीताराम सतसैया, अवधेश प्रताप सिंह बागरी फिर राजेन्द्र वर्मा का नाम आ गया है। ऐसे में इन पांचों की सीनियॉरिटी प्रभावित हो गई है। यदि अब सीनियॉरिटी को सही क्रम में नहीं किया जाता है तो इन्हें आईपीएस अवार्ड होने में देरी होगी। इस मामले में पांडे का कहना है कि पूरी प्रक्रिया नियमानुसार ही अपनाई गई थी। प्रशासन शाखा इस मामले में और बेहतर बता सकेगी।
अभी विवाद की वजह
वैसे तो यह विवाद पिछले पांच सालों से चला आ रहा है। लेकिन विवाद की असली वजह यह है कि अभी कुछ महीनों में आईपीएस के 11 पदों पर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को प्रमोशन दिया जाना है। इसके लिए डीपीसी पहले हो सकती है। इसमें 1995 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के नाम पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने आईपीएस के 24 नए पदों को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी है। इसके लिए 1996, 1997 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के नामों पर विचार किया जाएगा। अब इसी वजह से पूरा विवाद हो रहा है।
फिलहाल तो मैनें रिप्रैजेंटेशन देखा नहीं है। वैसे जो भी आवेदन मिला है उस देखने के बाद नियमानुसार ही कार्यवाही की जाएगी। किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
डी श्रीनिवास राव, एडीजी प्रशासन भोपाल
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