इंदौर
कोरोना संक्रमण को मात दे चुके 40 प्रतिशत लोग अब अनिंद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं। अनिद्रा की समस्या उम्रदराज लोगों के साथ ही युवाओं में भी नजर आ रही है। कुछ लोगों को समय पर नींद नहीं आ रही है तो कुछ लोगों की नींद सोने के थोड़ी देर बाद ही बाद ही खुल जाती है, वहीं कुछ लोगों की नींद सुबह जल्दी खुल जाती है। अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे लोग अब मनोरोग विशेषज्ञों व योग विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते अनिद्रा की समस्या का निदान नहीं किया जाए तो न केवल सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, कब्ज जैसी ही समस्याएं हो जाती हैं। कई लोगों में हाइपरटेंशन, कार्डियक डिसआर्डर, चयापचय तंत्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता बिगड़ने संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
मनोरोग विशेषज्ञ डा. वैभव चतुर्वेदी बताते हैं कि इन दिनों अनिद्रा की समस्या से परेशान लोग बड़ी संख्या में आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण को मात दे चुके 40 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें युवाओं की संख्या 35 प्रतिशत और कोरोना वारियर्स की संख्या 25 प्रतिशत तक पहुंच गई है। मनोरोग विशेषज्ञ डा. अभय पालीवाल के अनुसार कोरोना के बाद अनिद्रा की वजह शारीरिक व्याधि, चिंता और भय है। यदि इसका निदान समय पर नहीं किया जाए तो समस्या न केवल बढ़ सकती है अपितु इससे दूसरी समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं। समय पर निवारणसे इसे दूर किया जा सकता है।
इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डा. एके जैन के अनुसार अनिद्रा के शिकार लोगों में सर्वाधिक लोग 45 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। इसके निदान के लिए योग को भी अपना रहे हैं। शवासन, योग निद्रा, भ्रामरी प्राणायाम, प्रेक्षा मेडिटेशन, इंस्टंट रिलैक्सेशन तकनीक, क्विक रिलैक्सेशन तकनीक के जरिए अनिद्रा की समस्या को दूर किया जा सकता है।
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