महिला लिंगानुपात को बढ़ाने के लिये हर संभव प्रयास किये जायें - कलेक्टर


मुरैना
मुरैना जिले में लिंगानुपात प्रति हजार पुरूषों पर 895 सेक्स रेश्यो है। इसे सुधारने के लिये पीसीपीएनडीटी एक्ट के सदस्य रेगूलर उन गांवों में भ्रमण करें, जिन गांवों में महिला सेक्स रेश्यो कम है। जहां महिलायें गर्भवती होती है, किन्तु प्रसव के पूर्व ही अवर्सन करा लिया जाता है। यह अपराध है। यह बात गुरूवार को नवीन कलेक्ट्रेट सभागार मुरैना में कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने पीसीपीएनडीटी एक्ट की बैठक में संबोधित करते हुये सदस्यों से कही। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एडी शर्मा, सिविल सर्जन डाॅ. एके गुप्ता, पीसीपीएनडीटी के नोडल डाॅ. गिर्राज गुप्ता,  जिला अभियोजन अधिकारी गिरिजेश खत्री, जनसम्पर्क, स्त्री रोग चिकित्सक, स्वयंसेवी सुआशा सिंह सिकरवार, देवेन्द्र भदौरिया और नीरज सिंघल उपस्थित थे।             
    
बैठक में कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने कहा है कि जिले में अभी 18 अल्ट्रासाउण्ड मशीनें संचालित है। जिसमें 2 शासकीय है। उन्होंने कहा कि इनके अलावा मुरैना शहर में 14, जौरा में 2, सबलगढ़-बानमौर में 1-1 अल्ट्रासाउण्ड मशीनें संचालित है। इसके अलावा 6 अल्ट्रासाउण्ड मशीनों की अनुशंसा प्राप्त हुई है। जिसमें डाॅ. के.एन. मिश्रा आरएल नर्सिंग होम एबी रोड़ टेकरी मुरैना हेतु नवीन अल्ट्रासाउण्ड मशीन का पंजीयन कराया है, उसे पीसीपीएनडीटी एक्ट के सदस्यों ने अनुशंसा नहीं की है। इसके अलावा डाॅ. अनूप गोयल एमएस रोड़, डाॅ. अभिलाषा गर्ग जौरा, डाॅ. योगेन्द्र सिंह कल्याणी सेन्टर एमएस रोड़ मुरैना, डाॅ. शरद कुमार गर्ग शिवा हाॅस्पीटल मुरैना और डाॅ. राकेश उपाध्याय पैथलिस्ट की सहमति प्रदान की है।     
    
कलेक्टर कार्तिकेयन ने कहा कि अगली बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग को भी शामिल किया जाये, जिससे महिला बाल विकास विभाग के सहयोग से उन गांवों का भी भ्रमण किया जाये, जिन ग्रामों में महिला सेक्स रेश्यो कम है। वहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से यह भी देखा जाये कि 3 माह में कितनी महिलाओं ने गर्भधारण किया है और रिपोर्ट के अनुसार कितनी महिलाओं ने समय पूर्ण होने पर प्रसव किया है। जिसमें गर्भधारण के लेकर प्रसव तक उन महिलाओं की निगरानी की जाये।

वे गर्भधारण के पश्चात् प्रसव तक बीच की ऐसी महिलायें निकालीं जायें, जो गर्भधारण करने के बाद अवर्सन करा लेंती है, उन महिलाओं की जानकारी तैयार की जाये। उस जानकारी से यह भी तथ्य समझ में आयेंगे कि उस क्षेत्र की महिलाओं ने अवर्सन कराया है तो अवश्य आसपास के अल्ट्रासाउण्ड मशीन पर जांच पड़ताल या अवर्सन कराया होगा।

इस प्रकार की समीक्षा महिला बाल विकास विभाग करेगा तो जिन गांवों में बेटियों की संख्या कम निकल रही है, वह आंकड़े शासन की पकड़ में आयेंगे। उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के सदस्य इन 18 सेंटरों पर तीन माह के अंदर विजिट करें और यह भी परीक्षण करें कि गर्भपात उस महिला का किया गया है तो क्यों किया गया है, क्या इससे पहले उसके कितने बच्चे थे। इसके अलावा अन्य गर्भपात के बिन्दुओं का परीक्षण करें और उनके निष्कर्ष पर जांच करें। कलेक्टर ने कहा कि पिछले कुछ माह पूर्व संजय काॅलोनी में बिप्रो कंपनी की अल्ट्रासाउण्ड मशीन पर छापामार कार्रवाही की गई थी, जिसमें अल्ट्रासाउण्ड मशीन के बारे में री-असेम्बल होना कंपनी ने बताया था। इसके अलावा तमिलनाडू के एक डाॅक्टर और कुछ स्टार्फ नर्स, आरोपी पाये गये थे, उनके खिलाफ कलेक्टर द्वारा तमिलनाडू के लिये कार्रवाही प्रस्ताव वहां के जिला प्रशासन के लिये करने हेतु भेजा जाये और नर्स के खिलाफ कार्रवाही करनी की सहमति दी है।

The Naradmuni Desk

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