पूर्व CM नाथ ने प्रदेश में 56 प्रभारियों की नियुक्ति का ऐलान किया


भोपाल
 प्रदेश की सियासत में सक्रियता दिखा चुके प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अब जिलों पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाना शुरू कर दिया है. इसकी शुरुआत जिलों में प्रभारी नियुक्त करने के साथ हो गई है. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने पार्टी के संगठन वाले 56 जिलों में प्रभारियों को नियुक्त कर दिया है, इनमें ज्यादातर वे चेहरे हैं जो कमलनाथ के करीबी हैं. सबसे अहम प्रदेश का विंध्य इलाका है, जहां अजय सिंह को दरकिनार करते हुए कमलनाथ में अपने करीबियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी है.

रीवा जिले की कमान बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को दी गई है. अजय सिंह के प्रभाव वाले जिला सीधी में सईद अहमद को प्रभारी नियुक्त किया गया है. इसके अलावा भोपाल में लखन घनघोरिया, जबलपुर में हिना कावरे, इंदौर में रवि जोशी, सागर में पीसी शर्मा, ग्वालियर में अवनीश भार्गव, विदिशा में सुनील सूद, रायसेन में देवेंद्र पटेल, हरदा में निलय डागा, खरगोन में गजेंद्र सिंह राजू खेड़ी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, उज्जैन में बाला बच्चन, सिंगरौली में आनंद अहिरवार, सीधी में सईद अहमद, झाबुआ में हमीद काजी, खंडवा में मनोहर बैरागी, मंदसौर में बटुक शंकर जोशी, रतलाम में प्रियव्रत सिंह, गुना में जयवर्धन सिंह और राजगढ़ में राजकुमार पटेल को प्रभारी बनाया गया है.

क्या होगा प्रभारियों का काम

पीसीसी की तरफ से जिलों में नियुक्त गए प्रभारियों के जिम्मे प्रदेश कांग्रेस दफ्तर और जिला इकाइयों के बीच समन्वय बनाने का होगा. पीसीसी की तरफ से जारी होने वाले दिशा-निर्देशों का जिला स्तर पर पालन कराने गतिविधियों को संचालित करने और संगठन को मजबूत बनाने पर होगा. जिला प्रभारी जिलों में होने वाली गतिविधियों और पार्टी नेताओं के कामकाज की रिपोर्ट पीसीसी को सौंपेंगे.
बीजेपी ने साधा निशाना

कांग्रेस के 56 जिलों में प्रभारी नियुक्त करने को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है. बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस ने जिला प्रभारियों को नियुक्त कर बड़े नेताओं की निगरानी शुरू कर दी है. क्षेत्रीय स्तर पर स्थापित नेतृत्व की उपेक्षा कांग्रेस पार्टी में हो रही है. जिला प्रभारियों की नियुक्ति से कांग्रेस की अंतर्कलह आने वाले दिनों में चरम पर दिखाई देगी.

बहरहाल, जिलों का दौरा करने के बाद अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए कमलनाथ ने जिला प्रभारियों की नियुक्ति की है. 2018 के चुनाव से पहले प्रदेश में कांग्रेस पार्टी कमलनाथ गुट, दिग्विजय सिंह गुट और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के नाम से पहचानी जाती थी, लेकिन सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद अब प्रदेश में कमलनाथ ने पार्टी की पकड़ मजबूत कर ली है. जिलों में ये नियुक्तियां 2023 तक के लिए हुई हैं. मतलब साफ है स्थानीय स्तर पर मुद्दों के साथ उम्मीदवार तय करने तक में जिला प्रभारियों की अहम भूमिका होगी.

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.