टेढ़े-मेढ़े दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा...



खुश होने पर हंसी अपने आप ही हमारे चेहरे पर दस्तक देती है। कभी-कभी यह हंसी आउट ऑफ कंट्रोल हो जाती है और हंसते समय दांत बाहर आ जाते हैं लेकिन उस समय बहुत बुरा लगता है जब हमारे टेढ़े-मेढ़े दांतों पर सबकी नजर पड़ती है। टेढ़े-मेढ़े दांत पर्सनैलिटी पर काफी नेगटिव इम्पैक्ट डालती है। फीचर कितने भी शार्प क्यों न हो खराब और टेढ़े दांत सब पर पानी फेर देते हैं।

इसके अलावा टेढ़े दांतों की वजह से बोल-चाल के कुछ शब्दों, जिसका उच्चारण करते समय हमें दातों का सहारा लेना पड़ता है, में रूकावट आती है। वहीं ऐसे दांतों को साफ करने में भी परेशानी होती हैं क्योंकि ब्रश ठीक ढंग से एडजैस्ट नहीं हो पाता। जाहिर सी बात है कि अगर दांतों पर ढंग से ब्रश नहीं होगा तो गंदगी जमा होगी जो बाद में दांतों के खराब होने का कारण बनती है। इसलिए टेढ़े-मेढ़े दांतो से छुटकारा पाना बहुत जरूरी है।

तार लगाकर सीधा करना
दांतों में फिक्स्ड ब्रेसिज या तार लगाकर इन्हें सीधा किया जाता है। तार टेम्पररी या पर्मानेंट, दोनों तरह से ही लगाई जाती है। स्थाई तौर पर तार लगाने से दांतों पर दबाव डाला जाता है, जिससे दांत सही जगह पर सेट हो जाएं। इलाज के बाद मरीज को च्वुइंगम, टॉफी और चॉकलेट जैसी चीजें नहीं खानी चाहिएं तथा मीठे और ज्यादा ठंडे खाद्य पदार्थों का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए। वैसे तो किसी भी उम्र में आप टेढ़े दांतों का इलाज करवा सकते हैं लेकिन अगर इसका इलाज जल्दी हो तो बेस्ट है क्योंकि कम उम्र में जबड़े मुलायम रहते हैं। इलाज के परिणाम शीघ्र सामने आते हैं।

ट्रीटमेंट के बाद
टेढ़े-मेढ़े दांतों के ट्रीटमेंट के बाद उसे ऐसे ही न छोड़ दें क्योंकि इसके बाद उनके सरकने और टेढ़े होने की आशंका बनी रहती है इसलिए समय समय पर डाक्टर से सलाह लेते रहें। बच्चे को हर छ:महीने के बाद डैंटिस्ट के पास लेकर जाएं ताकि उनकी आदतों जैसे कि अंगूठा चूसना, जींभ से बार-बार अपने ऊपरी दांतों को धकेलना, दांतों से होंठ अथवा गाल काटते रहना आदि आदतें जो दांतों को टेढ़ा-मेढ़ा करती हैं,को हटाया जा सकें।

मुंह से सांस लेना
अगर किसी बच्चे में मुंह से सांस लेने की आदत है तो भी इस आदत को दूर किया जाना चाहिए क्योंकि इस आदत की वजह से ऊपर वाले आगे के दांत बाहर की तरफ आने लगते हैं। अगर बच्चे के दूध वाले दांत नहीं गिरे लेकिन पास की जगह पर पक्के दांत निकलने लगे हैं तो बच्चे को डैंटिस्ट के पास ले जाकर दूध के दांत निकलवाएं नहीं तो पक्के दांत वहीं फिक्स हो जाएंगे।

हर छह माह में चेक कराएं
अगर आप सोचते हैं कि डैंटिस्ट के पास जाकर टेढ़े-मेढ़े दांतों के बारे में बात करने का कोई फायदा नहीं है। यह बिल्कुल गलत हैं। आप नियमित रूप से हर छ: महीने बाद बच्चों को डैंटिस्ट के पास जाकर दांत चैक करवाते रहें। अगर कुछ प्रॉबल्म होगी तो वह साथ-साथ ठीक होती रहेगी।

 

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.