भोपाल की अत्याधुनिक प्रयोगशाला में गिर गाय ने थारपारकर बछड़े को दिया जन्म


भोपाल

भोपाल स्थित देश की दूसरी सबसे बड़ी अत्याधुनिक सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रोडक्शन प्रयोगशाला में आज गिर प्रजाति की गाय ने थारपारकर बछड़े को भ्रूण प्रत्योरोपण तकनीक से जन्म दिया। दुग्ध क्रांति के क्षेत्र में यह बड़ी सफलता है। स्वस्थ और उच्च स्तरीय थारपारकर बछड़े के बड़े होने के बाद प्रदेश में इस नस्ल की बछियों का प्रचुर उत्पादन हो सकेगा।

मूलत: राजस्थान की थारपारकर नस्ल की गाय कम खर्च में सर्वाधिक दुग्ध देती हैं। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत अच्छी होती है। यह गाय सूखे और चारे की कमी की स्थिति में भी छोटे जंगली वनस्पति पर निर्वहन कर लेती है किन्तु संतुलित आहार व्यवस्था से इसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता अधिक बढ़ जाती है। थारपारकर नस्लीय गौ-वंश की पशुपालन और डेयरी संस्थानों में काफी माँग बनी रहती है। भोपाल प्रयोगशाला का उद्देश्य देश की परंपरागत उस उच्च गौ-वंश नस्लों का संरक्षण करते हुए संवर्धन करना है। प्रयोगशाला में वितरण के लिये 20 हजार से अधिक फ्रोजन सीमन स्ट्रॉ तैयार किये जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत 3 अप्रैल 2020 को भोपाल में इस अत्याधुनिक सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रोडक्शन प्रयोगशाला का शुभारंभ किया था। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 47 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत से स्थापित होने वाली प्रयोगशाला की लागत में 60 प्रतिशत केन्द्रांश और 40 प्रतिशत राज्यांश शामिल है। निकट भविष्य में प्रयोगशाला में गिर, साहीवाल, थारपारकर गाय और मुर्रा भैंस आदि उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता की 90 प्रतिशत बछिया ही उत्पन्न की जायेंगी। बछियों की संख्या अधिक होने से दुग्ध उत्पादन में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी होगी और किसानों-पशुपालकों को बेहतर आमदनी होगी।

The Naradmuni Desk

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