सरकार ने दी किरायेदारी कानून को मंजूरी 


 नई दिल्ली 
 यह कानून किरायेदार और मकान मलिक दोनों को समान अधिकार देता है। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में खाली पड़ीं एक करोड़ से ज्यादा प्रॉपर्टी को किराये पर चढ़ाया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉडल किरायेदारी कानून (मॉडल टेनेंसी एक्ट) को मंजूरी दे दी है। इसके तहत संपत्ति को किराये पर देने से पहले मकान मालिक और किरायेदार के बीच लिखित समझौता अनिवार्य होगा। इस कानून को सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने यहां लागू कर सकेंगे। इस नए मॉडल कानून का खाका सबसे पहले 2019 में जारी किया गया था। मंत्रिमंडल के बुधवार के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस नए कानून से पुरानी व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। पगड़ी व्यवस्था पर भी असर नहीं पड़ेगा। पहले से जो लोग किराए पर रह रहे हैं या जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी किराये पर चढ़ा रखी है उन पर भी यह लागू नहीं होगा। यह मॉडल कानून है और यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वह इसे अपने यहां लागू करें या ना करें। 


दो महीने की सिक्योरिटी जमा करनी होगी:
एक्ट में आवासीय प्रॉपर्टी के लिए दो महीने की धरोहर राशि (सिक्योरिटी डिपॉजिट), जबकि वाणिज्यिक प्रॉपर्टी के लिए छह महीने की धरोहर राशि जमा करने की भी व्यवस्था की गई है। नए मॉडल टेनेंसी एक्ट में राज्यों को संबंधित अथॉरिटी बनाने का प्रस्ताव किया गया है। राज्य सरकार किराये की प्रॉपर्टी को लेकर किसी विवाद के जल्द समाधान के लिए रेंट कोर्ट और रेंट ट्रिब्यूनल भी बना बनाएंगे। इनको डिप्टी कलेक्टर या उसके समकक्ष रैंक के अधिकारी हेड करेंगे।

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.