हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को किया अवैध घोषित


जबलपुर
कोरोना और ब्लेक फंगस महामारी के चलते प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों द्वारा की जा रही हड़ताल को हाईकोर्ट ने अवैध घोषित करते हुए उन्हें 24 घंटे के भीतर काम फिर से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर राज्य सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है। हाईकोर्ट ने कोरोना काल में डॉक्टरों द्वारा हड़ताल करने की निंदा करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश एक अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में डॉक्टरों को हड़ताल का सहारा नहीं लेना चाहिए। इस समय हड़ताल करने से डॉक्टरों के कार्य को सराहा नहीं जा सकता है।

उच्च न्यायालय की मुख्यपीठ जबलपुर ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक एवं न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल की युगलपीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश दिया है।

इसलिए हैं डॉक्टर हड़ताल पर
मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टर अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। तीन हजार से अधिक डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से अस्पतालों में भर्ती ब्लेक फंगस से पीडि़त मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है। जूनियर डॉक्टर मुख्य तौर पर अपना मानदेय बढ़ाने और कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर उन्हें और उनके परिवार के लिए मु्फ्त इलाज की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा डॉक्टर यह चाहते हैं कि उनकी कोविड ड्यूटी को एक साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा मानकर बांड से मुक्त किया जाए। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि सरकार अभी तक उन्हें सिर्फ आश्वासन दे रही है इसलिए उन्हें हड़ताल का सहारा लेना पड़ा है।

सरकार ने दी थी चेतावनी
हड़ताली डॉक्टरों को सरकार ने चेतावनी दी थी कि वे अपनी हड़ताल समाप्त कर काम पर लौट आएं। प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों के हडताल पर जाने से अस्पतालों की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। मध्यप्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद मीणा ने कहा कि उनकी हड़ताल को वरिष्ठ डॉक्टरों के अलावा डॉक्टरों के संगठनों ने भी समर्थन किया है।

60 से 70 हजार रूपए प्रतिमाह मिल रहा है मानदेय
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के अनुसार डॉक्टरों को प्रतिमाह 60 से 70 हजार रूपए मानदेय दिया जा रहा है। छह मांगों में से चार मांगे मान ली गई है फिर भी वे अपने जिद्दी रवैए पर कायम हैं। श्री सारंग ने कहा था कि अगर डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए बाध्य होगी। हड़ताल के चलते कुछ मरीजों की मौत हो चुकी है।

The Naradmuni Desk

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