रायपुर
केन्द्र सरकार द्वारा एमएसपी में बढ़ोत्तरी को अपर्याप्त बताते हुए सूबे कृषिमंत्री रविन्द्र चौबे ने केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियों की वजह से किसनों पर बोझ बढेगा साथ ही राज्य में खाद का आसन्न संकट अभी से दिखाई दे रहा है।
राजीव भवन में गुरूवार को कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धनेन्द्र साहू के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि एमएसपी में बढ़ोत्तरी को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि किसानों पर कोरोना की मार, महंगाई का वार, और मोदी सरकार भारी पड़ी है। किसानों के खाते में 20 नया पैसा भी कोरोना काल में नहीं आया। कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने एक देश एक बाजार की बात कही थी। पूरी योजना विफल रही। किसानों के फसल खेत में पड़े-पड़े ही सड़ गए। लाजिस्टिक चेंज टूट गया। अगर महंगाई के अनुसार एमएसपी बढ़ाया जाता, तो 210 रूपए बढऩा था। सरकार ने सिर्फ 72 रूपए एमएसपी बढ़ाकर ठगने का काम किया है। चौबे ने कहा कि डीजल की कीमत में सरकार ने 30 रूपए की बढ़ोत्तरी की है। किसानों को डीजल की वजह से 16 सौ रूपए प्रति एकड़ भार पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की नीतियों से 2 हजार रूपए किसानों पर बोझ बढ़ा है। छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में 72 रूपए की वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार डीएपी की आपूर्ति करने में लगातार विफल साबित हो रही है। केन्द्र की नीतियों की वजह से छत्तीसगढ़ में भी खाद का संकट नजर आने लगा है। डीजल में 30 रूपए तक का इजाफा हुआ है, और किसानों की लागत बढ़ी है। खाद की कीमत में वृद्धि मिला दें, तो 2 हजार रूपए की लागत वृद्धि हुई है। चौबे ने कहा कि खाद संकट आ सकता है। किसानों पर दोहरी मार पडऩे की बात कहते हुए कहा कि एमएसपी में और बढ़ोतरी होनी चहिए। बैठक में मौजूद कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने 2500 रुपए से ज्यादा करने की मांग केंद्र सरकार से की।
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