भारत के पाम तेल का आयात 48 प्रतिशत तक बढ़ा


 नई दिल्ली

 उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के मुताबिक इस साल मई में भारत का पाम तेल का आयात 48 प्रतिशत बढ़कर 7,69,602 टन रहा। मई 2020 में 4,00,506 टन पाम तेल का आयात किया गया था। इस साल मई में कुल वनस्पति तेल आयात 68 प्रतिशत बढ़कर 12.49 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 7.43 लाख टन था। वनस्पति तेल आयात में पाम तेल का हिस्सा 60 प्रतिशत से अधिक का है।
एसईए के आंकड़ों के मुताबिक कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात इस साल मई में 53 प्रतिशत बढ़कर 7.55 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 3.60 लाख टन था। इसी अवधि में कच्चे पाम कर्नेल तेल (सीपीकेओ) का आयात पहले के 7,905 टन से 33.51 प्रतिशत बढ़कर 11,894 टन रहा। आरबीडी पामोलिन का आयात इस साल मई में घटकर 2,075 टन रह गया, जो एक साल पहले 32,050 टन था।

क्या है वजह: एसईए ने एक बयान में कहा कि पाइपलाइन में कम स्टॉक होने और इससे पहले के महीनों में कम आयात होने की वजह से मई में इजाफा हुआ है। लॉकडाऊन के खुलने के बाद मांग में हुई वृद्धि के कारण मई में वनस्पति तेल का आयात पिछले महीने की तुलना में 19 प्रतिशत बढ़ गया। पूर्ण लॉकडाउन होने के कारण मई 2020 के दौरान आयात बेहद प्रभावित हुआ था।

सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ा: हल्के तेलों में, सूरजमुखी तेल का आयात मई में बढ़कर 1,75,759 टन हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,33,688 टन था। इसी तरह सोयाबीन तेल का आयात पहले के 1,86,782 टन से बढ़कर 2,67,781 टन हो गया। एसईए के अनुसार, सूरजमुखी तेल की उच्च कीमत ने इसके आयात को हतोत्साहित किया, जबकि सोयाबीन तेल के आयात में 2020-21 तेल वर्ष की नवंबर-मई अवधि के दौरान मामूली सुधार हुआ।

The Naradmuni Desk

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