जनता की जेब में पैसा डालने की बजाए नरेंद्र मोदी जेबों पर डाल रहे हैं डाका - मरकाम


रायपुर
पिछले डेढ़ साल से भारत की जनता कोरोना महामारी की मार झेल रही हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सात साल पूरे का जश्न मना रही हैं। इन सात सालों में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, दवाईयों, खाद्य तेलों, खाद्य पदार्थों, सड़क परिवहन, रेल यात्रा, सब्जियों व खेती के उर्वरकों के दाम दोगुने हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर कोरोना के इस डेढ़ साल में आम जनता की जेब खाली हो गई हैं, जबकि प्रधानमंत्री को उनके जेबों में इन सामानों को खरीदने के लिए पैसे डालने चाहिए थे। उक्त बातें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पत्रकारवार्ता के दौरान कहीं।

उन्होंने कहा कि एक तरफ खाद्य पदार्थो के दाम बढ़े, दूसरी ओर किसानों की आमदनी घटी, खाद्य पदार्थो के दाम बढ?े का फायदा बिचौलियों को मिला किसानों को नहीं। खाद्य तेलों के दाम पिछले दो वर्ष में लगभग दुगुने हो गए। देश में खाद्य तेल का सबसे बड़ा निमार्ता मोदी के प्रिय गौतम अडानी है। आप समझ सकते हैं खाद्य तेल के दामों को बढ?े का सबसे ज्यादा फायदा अडानी को हो रहा। दूसरी तरफ मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण लोगों की कमाई घटी, रोजगार के संसाधन घटे, नौकरियां गयी, नोटबंदी, जीएसटी से व्यापार-व्यवसाय तबाह हो गए। कोरोना जैसी महामारी में मोदी सरकार की अकर्मण्यता के कारण इलाज और दवाईयों में लोगों की जमा पूंजी, जमीन जायदाद सब खत्म हो गया।  

उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद महंगाई भी राष्ट्रीय आपदा साबित होने जा रही है, पिछले डेढ़ साल से भारत की जनता कोरोना महामारी की मार झेल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अदूरदर्शी और जनविरोधी नीतियों ने कोरोना की बीमारी के समय में जीवन को और कठिन बनाया है. चाहे वह अचानक किया हुआ लॉकडाउन हो, अस्पतालों से लेकर आॅक्सीजन तक का इंतजाम हो या फिर वैक्सीन की नीति, हर जगह नरेंद्र मोदी सरकार विफल दिखाई देती है। गलत नीतियों और व्यवस्था बनाने में विफलता की वजह से लाखों लोगों की जानें चली गई हैं। लाखों परिवार में कमाई करने वाला मुखिया ही चल बसा है. उद्योग और कारोबार ठप्प होने से रोजगार का संकट पैदा हो गया है।

नरेंद्र मोदी की सरकार देश में महंगाई बढ़ाने में लगी हुई है. पेट्रोल, डीजल और केरोसिन के दाम हों या गैस सिलेंडर के, खाने के तेल की कीमतें हों या फिर साधारण बीमारियों में काम में आने वाली दवाओं की, हर चीज लगातार महंगी होती जा रही है। एक राष्ट्रीय आपदा के बाद एक और राष्ट्रीय आपदा देश में आ गई है और इसके लिए जिम्मेदार सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. आश्चर्य नहीं है कि किसी समय रसोई गैस की कीमत में पांच-सात रुपये की बढ़ोत्तरी होने पर गले में सिलेंडर टांगकर प्रदर्शन करने वाले भाजपा के नेता इस समय अनावश्यक विवादों के जरिए जनता का ध्यान भटकाने में लगे हुए हैं.

मरकाम ने कहा कि राहुल गांधी लोगों की जेबों में पैसा डालने की बात कर रही है, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोगों के जेबों में कई योजनाओं से पैसे डाल रही है, उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार लोगों के जेबों पर डाका डालने में लगी हुई है। पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में एक बार बढ़ोत्तरी होती थी तो मीडिया में खबरें बनती थीं और आज नरेंद्र मोदी ने यह हालत कर दी है कि अब दो दिन दाम नहीं बढ़ते तो मीडिया में खबर बनती है कि लगातार दो दिनों से कीमतें नहीं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमत 69.15 डॉलर प्रति बैरल है. जबकि रायपुर में पेट्रोल की कीमतें 92.76 रुपए प्रति लीटर एवं डीजल की कीमत 92.38 रुपए  प्रति लीटर तक पहुंच गई है. देश के कुछ शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए से भी ज्यादा हो गई है। हम मांग करते हैं कि रमन सिंह, धरमलाल कौशिक लेकर अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल जैसे नेता महंगाई पर अपना रुख स्पष्ट करें और जनता से माफी मांगें कि कोरोना महामारी के काल में उनकी सरकार महंगाई बढ़ाने में लगी हुई है।

The Naradmuni Desk

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