श्रीनगर।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अमेरिकी अधिकारियों और गूगल से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के करीबी सहायक वहीद-उर-रहमान पर्रा की पाकिस्तान में मौजूद अलगावादी नेताओं और आतंकवादियों के साथ ईमेल पर हुई बातचीत साझा करने को कहा है। केंद्रशासित प्रदेश की पुलिस ने पर्रा के खिलाफ दायर आरोपपत्र में यह बात कही है। आरोपपत्र में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया पर्रा के खिलाफ ''मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं जो यह साबित करते हैं कि उसने अपने राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवादियों का समर्थन मांगने के वास्ते उनके साथ गठजोड़ किया और अपनी सहायता के बदले में आतंकवादी हमले करने के लिए उनकी कई तरीके से मदद की।''
पुलिस की काउंटर इंटेलीजेंस कश्मीर (सीआईके) शाखा द्वारा दायर आरोपपत्र में कहा गया है, ''जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपी पाकिस्तान आधारित अलगावादियों और आतंकवादी नेताओं से निर्देश और सलाह लेता था तथा उसने आतंकवाद तथा अलगाववाद को आगे बढ़ाने में कई सूचनाएं और कार्रवाई रिपोर्ट संबंधी जानकारी भेजी।'' श्रीनगर की एक अदालत में इस महीने की शुरुआत में दाखिल किए गए आरोपपत्र में कहा गया है कि पर्रा कई ईमेल आईडी के जरिए सूचना साझा करता था, जिनमें से तीन ईमेल आईडी का पता लगा लिया गया।
पुलिस ने 19 पृष्ठों के आरोपपत्र में कहा है, ''तदनुसार, गूगल अमेरिका से पर्रा द्वारा अपनी तीन ईमेल आईडी के जरिए भेजे गए ईमेल की जानकारियां उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।'' पर्रा के वकील के साथ ही पीडीपी ने सभी आरोपों को खारिज किया है और इन्हें ''राजनीति से प्रेरित बताया है।'' पीडीपी अध्यक्ष एवं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का आरोप है कि पुलिस पर्रा को ''प्रताड़ित कर रही है और उसे ''अमानवीय स्थितियों में रखा गया है। बहरहाल, पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा कि उसने मामले में आवश्यक सहायता मुहैया कराने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से भी संपर्क किया है। पुलिस ने पर्रा पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपपत्र में कहा गया है, ''गूगल अमेरिका से पर्रा के ईमेल संबंधी डेटा सुरक्षित रखने का अनुरोध किया गया है।''
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