पटना
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को आसानी से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चलंत चिकित्सा दल का गठन किया जाएगा। इस दल में डॉक्टर, नर्स और एएनएम के साथ पारा मेडिकल कर्मी होंगे। आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ/एसडीआरएफ के समन्वय से नाव की व्यवस्था की जाएगी, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों का भ्रमण चिकित्सा दल करेगा। स्वास्थ्य विभाग ने सिविल सर्जन को ससमय जिलाधिकारी से नाव उपलब्धता को लेकर अनुरोध करने को कहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा बैठक के बाद बाढ़ के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने की दिशा में तैयारी शुरू की है। राज्य के 28 जिलों के सिविल सर्जन को इसके लिए अलर्ट किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होने के बाद अब बाढ़ पूर्व तैयारियों में जुट गया है। विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में अंचलाधिकारी के सहयोग से डेडिकेटेड बोट की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। बोट में पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट इत्यादि भी रखने को कहा गया है। इस बोट में सुरक्षा और आकस्मिकता की दृष्टि से चिकित्सा दल के साथ-साथ एनडीआरएफ/एसडीआरएफ के सदस्य और अंचलाधिकारी के माध्यम से चौकीदार, सिविल डिफेंस कार्यकर्ता या पंचायत सदस्य की तैनाती की जाएगी।
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