वैक्सीन के डोज में ज्यादा गैप, दे सकते है कोरोना के नए स्ट्रेन को न्योता-डॉ एंथनी फौसी


न्यूयॉर्क
कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ रही है वहीं, महामारी से लोगों की सुरक्षा के लिए देश में टीकाकरण अभियान को भी तेज कर दिया गया है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में वैक्सीन की मांग भी बढ़ी है जिसके बाद भारत सरकार ने कई विदेशी वैक्सीनों को भी मंजूरी दे दी है। वहीं पहली डोज और दूसरी डोज के बीच टाइम गैप को भी बढ़ा दिया गया है, कई जानकार अब इस फैसले को कोविड के नए स्ट्रेन के खिलाफ अनुचित बता रहे हैं।
 
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के चिकित्सा सलाहकार डॉ एंथनी फौसी ने बताया कि कोविड वैक्सीन खुराक के बीच के अंतराल को बढ़ाने से लोग वर्तमान में फैल रहे वायरस के कई स्ट्रेन में से एक की चपेट में आ सकते हैं। बता दें कि कोविड विशेषज्ञ डॉ फौसी पिछले महीने भारत सरकार द्वारा संशोधित दिशानिर्देशों के तहत वैक्सीन की दोनों डोज में समय अंतराल को बढ़ाने के परिणाम पर कई सवालों के जवाब दिए।

डॉ फौसी ने बताया, mRNA तकनीक से तैयार किए गए फाइजर वैक्सीन की डोज में अंतराल तीन सप्ताह और मॉडर्न वैक्सीन के दोनों खुराक में अंतराल चार सप्ताह तय किया गया है। इस समय अंतराल को बढ़ाने से यह समस्या उत्पन्न होती है कि कोविड के नए स्ट्रेन के खिलाफ आपका वैक्सीन कवच कमजोर हो सकता है। हमने देखा है कि यूके में जहां वैक्सीन की खुराक में अंतराल बढ़ाया गया और लोग नए स्ट्रेस से संक्रमित हो गए। इसलिए हम निर्धारित समय अंतराल के साथ ही टीका लगाने की सलाह देते हैं। हालांकि डॉ फौसी ने यह भी कहा कि अगरआपके पास टीकों की बहुत कम आपूर्ति है तो खुराक के बीच अंतराल को बढ़ाना आवश्यक हो जाता है।
 

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.