नोएडा
तीन महीने से कोरोना संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है। इससे पहले 12 जून को दो कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई थी। इसके बाद से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। इन तीन महीनों में प्रतिदिन औसतन चार मरीजों की पुष्टि हुई है। कोरोना संक्रमण से 12 जून तक 466 मरीजों की मौत हुई थी। 12 सितंबर तक भी मौत का आंकड़ा यही है। तीन महीनों में 356 मरीजों की पुष्टि हुई है। कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक मौत दूसरी लहर में हुई। एक अप्रैल से 12 जून तक कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान 375 मरीजों की मौत हुई। जबकि इससे पहले तक कोरोना संक्रमण से 91 लोगों की जान इलाज के दौरान गई थी। पिछले तीन महीने से कोरोना संक्रमण से स्थिति संभलती दिख रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए भी तैयारी कर रहा है। विशेषज्ञों ने अक्टूबर में तीसरी लहर की आशंका जताई है, लेकिन ज्यादातर डॉक्टर इससे इनकार भी कर रहे हैं। केरल और महाराष्ट्र की स्थिति को देखते हुए नियमित रूप से कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सारे इंतजाम हैं। वर्तमान में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की भी नियमित रूप से जांच की जा रही है। ताकि बीमारी होने की स्थिति में जल्द से जल्द इलाज दिया जा सके।
दूसरी लहर में प्रतिदिन औसतन पांच लोगों की मौत
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में प्रतिदिन औसतन पांच लोगों की मौत हुई एक अप्रैल से लेकर 12 जून तक के 73 दिनों में 375 लोगों की जान इलाज के दौरान गई। वहीं इससे पहले एक साल में इस बीमारी से 91 लोगों की मौत हुई। यानि प्रत्येक चौथे दिन एक व्यक्ति की जान कोरोना संक्रमण से हुई। वहीं 12 जून के बाद से 12 सितंबर तक 92 दिनों में एक भी मौत बीमारी से नहीं हुई है। अगस्त और सितंबर में 15 से अधिक दिनों में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि नहीं हुई।
Comments
Add Comment