गलवान झड़प का एक साल पूरा 


 नई दिल्ली 
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के एक साल पूरे हो गए हैं। इतने दिनों के बाद दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल नहीं होने के बावजूद भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। रक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों ने बताया कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प ने भारतीय सुरक्षा क्षेत्र के योजनाकारों को चीन से निपटने में देश का रुख तय करने के साथ ही छोटी अवधि में और दूरगामी खतरे का आकलन करते हुए रणनीति तैयार करने में मदद मिली।

पिछले करीब पांच दशकों में सीमाई क्षेत्र में सबसे घातक झड़प में पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई जिसके बाद दोनों सेनाओं ने टकराव वाले कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर जवानों और हथियार समेत साजो-सामान की तैनाती कर दी। इस साल फरवरी में चीन ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि भारतीय सैन्यकर्मियों के साथ झड़प में पांच चीनी सैन्य अधिकारी और जवान मारे गए थे, जबकि माना जाता है कि चीनी पक्ष में मृतकों की संख्या इससे ज्यादा थी।

The Naradmuni Desk

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