रायपुर
प्रदेश में आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में विद्यार्थी दूरस्थ अंचलों से प्रवेशित होते हैं, जहां पर शिक्षण के माध्यम अत्यंत सीमित हैं। कोविड-19 के फलस्वरूप शाला बंद होने के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हुई है। फलस्वरूप एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में आॅनलाईन शिक्षण हेतु विभाग द्वारा योजना तैयार की गई है। इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को इन स्कूलों में योजना के प्रावधान अनुसार आॅनलाईन शिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित कराने निर्देशित किया गया है। जिन कक्षाओं में आॅफलाईन कक्षा संचालन की अनुमति नहीं है, उन कक्षाओं में तब तक आॅनलाईन अध्यापन व्यवस्था जारी रखने कहा गया है।
आॅनलाईन शिक्षण योजना का उद्देश्य इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षक द्वारा सीबीएसई, सीजी पाठ्यक्रम अनुसार पढ़ाई कराना, विद्यार्थियों को पढ़ाई से जोड़े रखना, नियमित टेस्ट का मूल्यांकन, विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिक सहायता और मार्गदर्शन, विद्यार्थियों के पालकों से संपर्क और विद्यार्थियों की परेशानी ज्ञात कर उनका निराकरण करना है। विद्यार्थियों को नियमित शिक्षण सहायता एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए शाला स्तर पर आॅनलाईन अध्यापन का सेटअप तैयार कर विद्यार्थियों को गूगल मीट के द्वारा आॅनलाईन शिक्षा की व्यवस्था का प्रावधान है। योजना में विद्यार्थियों को कक्षावार, विषयवार अध्यापन, डाउट क्लास, मार्गदर्शन और मूल्यांकन शामिल है। आॅनलाईन शिक्षण का लाभ विद्यार्थियों को किस प्रकार मिल रहा है, इसके लिए विभागीय शिक्षकों, छात्रावास अधीक्षकों और मंडल संयोजकों के माध्यम से मैदानी स्तर पर मॉनिटरिंग का प्रावधान है।
आॅनलाईन शिक्षण योजना का क्रियान्वयन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास स्तर पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की प्राचार्यों की बैठक लेकर विद्यालयवार संचालित होने वाली कक्षावार और विषयवार विद्यार्थियों की संख्या और उपलब्ध विषयवार शिक्षकों की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद प्रत्येक विद्यालय में इंटरनेट कनेक्टिविटी के क्या साधन उपलब्ध हैं और विद्यालय में आॅनलाईन शिक्षण के लिए अन्य आवश्यक सामग्रियों की समीक्षा की जाएगी। विद्यार्थियों की कक्षावार और विषयवार टाईम-टेबल बनाने के बाद कक्षावार आॅनलाईन क्लास के लिए सामग्री और शिक्षकों की आवश्यकता का आंकलन किया जाएगा। व्यवस्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय को नोडल विद्यालय बनाया जाएगा और यहीं से जिले के अन्य एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जहां आॅनलाईन शिक्षण की सुविधा नहीं हो को भी आॅनलाईन से जोड़ा जाएगा। सभी शिक्षकों से नोडल विद्यालय में ही शिक्षण कार्य लिया जाएगा। मॉनिटरिंग के लिए जिले के छात्रावास अधीक्षकों, मंडल संयोजकों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
प्रत्येक जिले में एक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय को नोडल स्कूल के रूप में चिन्हांकित किया जाएगा, जहां शिक्षक और आॅनलाईन शिक्षण हेतु संसाधन उपलब्ध होंगे। नोडल विद्यालय में किसी भी कक्षा, विषय में अध्यापन के लिए बच्चों का समूह 120 से अधिक नहीं होगा। बच्चों की संख्या ज्यादा होती है तो आॅनलाईन के लिए दूसरे समूह और सेटअप भी स्कूल में बनाया जाएगा। जिले के अन्य एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों की जानकारी नोडल प्राचार्य के पास उपलब्ध कराई जाएगी। नोडल विद्यालय में कक्षावार शिक्षा के लिए आॅनलाईन प्लेटफार्म बनाया जाएगा, जहां पर सभी आवश्यक डिजिटल उपकरण उपलब्ध हों। आॅनलाईन अध्ययन के लिए शिक्षकों की व्यवस्था कलेक्टर द्वारा की जाएगी। इससे पहले स्थायी शिक्षकों और अन्य शालाओं से शिक्षक संलग्न कर टीम बनाई जाएगी। यह अध्यापन टीम कक्षावार, विषयवार, आॅनलाईन प्लेटफार्म से टाईम-टेबल अनुसार अध्यापन कार्य करेंगे।
विषयवार प्रत्येक विषय के लिए एक कोरगु्रप बनाया जाएगा, जिसमें उस विषय के न्यूनतम तीन शिक्षक होंगे। इनका दायित्व गु्रप की प्रति सप्ताह बैठक कर उसमें विषय से संबंधित अध्यापन की समीक्षा करना तथा इसे और कैसे बेहतर बनाया जाए इस पर चर्चा करना होगा। नोडल प्राचार्य द्वारा आॅनलाईन अध्यापन का कार्यक्रम बनाकर कार्य किया जाएगा। आॅनलाईन अध्यापन के लिए सामान्यत: गूगल मीट का उपयोग किया जाएगा। शिक्षण को बेहतर बनाने के लिए आवश्यकता पड?े पर संदर्भ सामग्री यू-ट्यूब, दीक्षा, स्वयंप्रभा, पढ़ई तुंहर दुआर द्वारा पोर्टल से ली जा सकेगी। आॅनलाईन अध्ययन के लिए सभी स्कूल के बच्चों का आईडी बनाया जाएगा। विषय शिक्षक द्वारा प्रत्येक दिन का लिंक विद्यार्थियों को भेजा जाएगा, जिस पर विद्यार्थी अपने आईडी, पासवर्ड से आॅनलाईन कक्षा में जुड़ेंगे। किस स्कूल से कितने और कौन विद्यार्थी कक्षा से जुड़े और अनुपस्थित रहे इसकी जानकारी विषय शिक्षक द्वारा रखी जाएगी। विषय शिक्षक द्वारा मासिक टेस्ट और मूल्यांकन भी किया जाएगा और मासिक प्रगति रिपोर्ट प्राचार्य को भेजी जाएगी। आॅनलाईन शिक्षक की आवश्यक व्यवस्था और मॉनिटरिंग सहायक आयुक्त आदिवासी द्वारा और राज्य स्तर पर आयुक्त द्वारा समीक्षा की जाएगी। ग्राम स्तर से विभागाध्यक्ष स्तर तक मॉनिटरिंग की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।
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