पचमढ़ी पहाड़ियों के शैलाश्रय के शैल चित्रों विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित


 भोपाल

संस्कृति विभाग के संचालनालय, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन वेब श्रंखला के 11वें व्याख्यान में डॉ. मीनाक्षी दुबे पाठक ने 'पचमढ़ी पहाड़ियों के शैलाश्रय के शैल चित्रों'' विषय पर श्रोताओं को महत्वपूर्ण एवं रोचक जानकारी दी।

डॉ. मीनाक्षी ने कहा कि मानव के सांस्कृतिक विकास के द्योतक शैलचित्र मध्य पाषाण काल से मध्यकाल तक के हैं। इनमें मानवीय आकृतियाँ, पशु आकृतियाँ, शिकार, मधुसंचय, युद्ध दृश्य के अतिरिक्त आदि-मानव के सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक गतिविधियों का दिग्दर्शन होता है। डॉ. मीनाक्षी ने स्पष्ट किया कि जो परंपराएँ और गतिविधियाँ इन चित्रों में दर्शायी गई हैं, वह आज भी जन-जातीय समाज में प्रचलित हैं।

प्रसिद्ध शैल कला विशेषज्ञ डॉ. मीनाक्षी ने न केवल भारत में अपितु विदेशों में भी रॉक पेंटिंग पर शोध कार्य किया है। डॉ. मीनाक्षी ने पचमढ़ी के शैल चित्रों पर अपनी सारगर्भित शैली में किये गये शोध कार्य के आधार पर विद्वतापूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किया। ऑनलाइन वेब श्रृंखला में मध्यप्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से पुरातत्व प्रेमी शामिल हुए।

The Naradmuni Desk

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