फ्रांस
फ्रांस में निकाय चुनाव से पहले एक बार फिर हिजाब पहनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हिजाब पहनकर महिला उम्मीदवार जैसे ही सड़कों पर वोट मांगने उतरी कि लोगों ने इसका विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। विवाद बढ़ता देख फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनसे समर्थन वापस ले लिया।
दरअसल, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी ने कुछ महिलाओं को चुनाव में उम्मीदवार बनाया था, लेकिन जैसे ही ये महिलाएं हिजाब पहन कर सड़कों पर प्रचार के लिए उतरीं की कि विरोध शुरू हो गया। जिसके बाद राष्ट्रपति की पार्टी ने सभी से समर्थन वापस ले लिया। अब ये उम्मीदवार निर्दलीय मैदान में हैं, लेकिन दुनिया भर में इमैनुएल मैक्रों के इस फैसले की जम कर आलोचना हो रही है। लोग उन्हें मुस्लिम विरोधी कह रहे हैं। हालांकि महिला उम्मीदवारों का कहना है कि अपने अधिकार के लिए वह आगे तक लड़ती रहेंगी। वह हार मानने वाली नहीं हैं।
हिजाब पर बढ़ते विवाद को देखते हुए इमैनुएल मैक्रों की पार्टी लारेम ने अब सफाई दी है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पहले ही उनकी तरफ से कहा गया था कि चुनाव प्रचार के दौरान हिजाब या धार्मिक प्रतीकों को प्रदर्शन करने वाली वस्तुओं की छूट नहीं होगी। लिहाजा ऐसा करने वाली उम्मीदवारों से समर्थन वापस ले लिए गए हैं। लारेम के प्रवक्ता रोलैंड लेस्क्योर ने न्यूज एजेंसी को बताया, प्रचार के पोस्टर पर कोई धार्मिक प्रतीक पहनकर बाहर निकलते हैं, ये एक राजनीतिक मुद्दा बन जाता है।
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