प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने टेक स्टार्टअप बेचकर रखा था राजनीति में कदम


येरुशलम
इस्राइल में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले बेंजामिन नेतन्याहू की 12 सालों की सत्ता खत्म हो गई। नफ्ताली बेनेट देश के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। दक्षिणपंथी और घोर राष्ट्रवादी यामिना पार्टी के मुखिया बेनेट की नई सरकार में 27 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में 9 महिलाएं भी शामिल हैं।  बेनेट की सरकार ने 120 सदस्यीय सदन में 60-59 के वोट से मामूली बहुमत साबित किया है। इस वोटिंग में एक सांसद ने हिस्सा नहीं लिया।

नई सरकार के लिए अलग-अलग विचारधारा के आठ दलों ने गठबंधन किया है। इनमें दक्षिणपंथी, वाम, मध्यमार्गी के साथ अरब समुदाय की एक पार्टी भी है। सरकार को मिला समर्थन इस प्रकार है:- येश अतीद (17), ब्लू एंड व्हाइट (8), यिसरायल बेतेनु (7), लेबर (7), यामिना (7 में से 6), न्यू होप (6), मेरेट्ज (6), राम (4 में से 3)।

बेनेट राजनीतिक में आने से पहले टेक उद्यमी रह चुके हैं। एक पूर्व स्पेशल फोर्स कमांडो, बेनेट अमेरिका में जन्मे माता-पिता के बेटे हैं। बेनेट अभी अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ इस्राइल के रानाना में रहते हैं। सेना से सियासत में कदम रखने वाले 49 वर्षीय नफ्ताली बेनेट का जन्म 25 मार्च 1972 में इस्राइल के हाइफा में हुआ था। नेफ्ताली बेनेट किसी वक्त बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी माने जाते थे।

वह यरुशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करने के बाद सेना में चले गए थे। सेना में कमांडर की नौकरी के बाद वह एक नामचीन बिजनेसमैन भी रह चुके हैं। सेना की नौकरी के बाद नफ्ताली बेनेट अमेरिका में टेक कंपनी चलाते थे। 1999 में उन्होंने की शुरुआत की थी, जिसका नाम Cyota था। हालांकि, साल 2005 में बेनेट ने अपनी इस कंपनी को अमेरिकी सिक्योरिटी फर्म को 14.5 करोड़ डॉलर में बेच दिया था।  

फरवरी में बेनेट ने टाइम्स ऑफ इस्राइल से कहा था, ‘मैं बीबी (नेतन्याहू) की तुलना में ज्यादा दक्षिणपंथी हूं, लेकिन मैं राजनीतिक रूप से खुद को बढ़ावा देने के लिए एक टूल के रूप में नफरत या ध्रुवीकरण का इस्तेमाल नहीं करता हूं।’ बेनेट को अर्थव्यवस्था पर अति-उदार माना जाता है और वह ईरान के खिलाफ आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं। इस्राइल में कुछ ऑब्जर्वर और अखबार बेनेट को उनके विचारों के लिए 'अति-राष्ट्रवादी' करार दे चुके हैं।
 
पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी रहे बेनेट ने उनकी गलत नीतियों का विरोध कर आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं। बेनेट फिलस्तीनी की आजादी के खिलाफ हैं और वह कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में यहूदी बस्तियों के बड़े हिमायती हैं। जिसे फलस्तीनी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई देश शांति प्रक्रिया में रोड़ा बने हुए हैं।

The Naradmuni Desk

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