पुरी में निकलेगी रथ यात्रा, पर शामिल नहीं हो सकेंगे श्रद्धालु


 भुवनेश्वर
ओडिशा में 12 जुलाई को निर्धारित वार्षिक रथ यात्रा से एक माह पहले राज्य सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि इस साल भी श्रद्धालुओं को उत्सव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी। यह उत्सव कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के बीच केवल पुरी में आयोजित होगा। राज्य सरकार ने कहा है कि पिछले साल उच्चतम न्यायालय की ओर से जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का इस अवसर पर अनुष्ठानों के दौरान अक्षरश: पालन करना होगा।


विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जेना ने कहा कि इस साल भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पुरी में बिना श्रद्धालुओं के होगी। प्रशासन ने राज्य के अन्य हिस्सों में इस तरह के समारोहों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया है। एसआरसी ने कहा कि केवल चयनित कोविड निगेटिव और टीके की दोनों खुराकें ले चुके सेवकों को ही 'स्नान पूर्णिमा' और अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाएगी। रथ यात्रा के दिन इस पवित्र नगर में कर्फ्यू लगाया जाएगा।


जेना ने कहा कि पिछले वर्ष के रथ यात्रा कार्यक्रम के दौरान लगाई गई सभी पाबंदियां इस बार भी लागू रहेंगी। अधिकारी ने कहा कि श्रद्धालु इन कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण टेलीविजन और वेबकास्ट पर देख पाएंगे। उन्होंने कहा कि नौ दिन तक चलने वाली रथ यात्रा तय कार्यक्रम के अनुरूप शुरू होगी और महज 500 सेवकों को इस दौरान रथ खींचने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा, इस दौरान सभी नियमों और दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।

जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि पुरी में रोजाना अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 300 मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'केवल आवश्यक और आपात सेवाओं को ही उत्सव के दौरान अनुमति होगी। इस दौरान पुरी में वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा।' इसके साथ ही बताया कि रथ निर्माण का कार्य अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है और इसके रास्ते में कोई बाधा न आए, यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं।

 

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.