खबर से बौखलाये जनपद अधिकारी ने पत्रकारों को झूठे केस में फंसाया


बदरवास
शिवपुरी जिले की बदरवास जनपद में भ्रष्टाचार के चलते पत्रकारो के खिलाफ झूठे मुकदमे कराये जा रहे है। जिसकी निष्पक्ष जांच और कार्यवाही होना चाहिये। लेकिन इसमें पुलिस प्रशासन का सहयोग पत्रकारो को नहीं मिल रहा है। जिस कारण एक और जहां पत्रकारो का मनोबल गिर रहा है वहीं दूसरी और स्वतंत्र कलम को दबाने का  प्रयास किया जा रहा रहा है।

जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के हौसले बुलंद हो रहे है पत्रकारो पर अत्याचार का ऐसा ही एक मामला गत ४ जून २०२१ को बदरवास जनपद कार्यालय में उस समय सामने आया जब पत्रकार दिनेश यादव और देवेन्द्र शर्मा रामपुरी पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी लेने जनपद पहुंचे तो वहां पदस्थ मनरेगा के अतिरिक्ति कार्यक्रम अधिकारी सचिन कुमार गुप्ता अपनी कुर्सी पर बैठे दिखाई नहीं दिए तो सचिन कुमार गुप्ता को पत्रकार द्वारा फोन लगाया कि साहब जो मेरे द्वारा रामपुरी पंचायत का समाचार लगाया था उसकी थोड़ी जानकारी लेनी थी आप कहा हो तो सचिन कुमार गुप्ता द्वारा कहा गया कि में आगे के ऑफिस में स्टाफ की वेतन डाल रहा हूँ तो फिर पत्रकार द्वारा कहा गया कि तो में थोड़ी देर से आ जाऊ साहब तो फिर सचिन कुमार गुप्ता द्वारा कहा गया कि ठीक है।तो फिर दोनों पत्रकार कार्यालय प्रांगण में आए तो  चाय कि होटल पर बैठे पत्रकार किरण कुमार शर्मा से दोनों पत्रकार बातचीत करने लगे। तभी थोड़ी देर बाद शोर शराबे कि आवाज आई और भीड़ एकत्रित होती दिखाई दि  तो पत्रकार कार्यालय में पहुंचे तो वहाँ पर इसी दौरान उक्त अधिकारी का सुमित यादव, राजू यादव, और भगवान सिंह जाटव से किसी बात को लेकर  विवाद हो गया और इनके बीच मारपीट

हो गई। इस विवाद से दौनों पत्रकारो का कोई लेना-देना नहीं है। फिर भी अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिये और जानकारी देने से बचने के लिये बेवजह पत्रकारो के खिलाफ थाने में झूठी शिकायतें कर निर्दोष पत्रकारो के विरूद्ध मामला दर्ज करा दिया और पुलिस ने भी बिना जांच करे ही अधिमान्य पत्रकारो के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया जो न्यायसंगत नहीं है।

दरअसल एक दिन पूर्व पत्रकार दिनेश यादव ने जनपद में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर अखबार में खबर प्रकाशित की थी जिसमें रामपुरी पंचायत के सरपंच पति व सचिव द्वारा जनपद अधिकारियों के संरक्षण में किये गये भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था। इसी से बौखलाकर उक्त अधिकारी ने पत्रकारो की झूठी शिकायत थाने में की है।

सिंह जाटव के साथ उक्त अधिकारी ने मारपीट की उसे लहुलुहान कर दिया। उसकी शिकायत को पुलिस ने जांच की बात कहकर टाल दिया। जबकि हकीकत यह है कि पीड़ित हितग्राही भगवान सिंह जाटव के साथ उक्त अधिकारी ने खूब मारपीट की व जातिसूचक गालियां देकर उसका अपमान किया। इसी कारण बदरवास में पत्रकारो का मनोबल गिरता जा रहा है।

The Naradmuni Desk

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