भोपाल
मध्यप्रदेश में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय रेड प्लस सेल का गठन किया है। राज्य स्तरीय रेड प्लस सेल राष्टÑीय रेड प्लस रणनीति का राज्य में क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएगी। राज्य स्तरीय रेड प्लस कार्य योजना, राज्य स्तरीय रेफरेंस एमिशन लेवल, रेफरेंस लेवल, फॉरेस्ट मानीटरिंग सिस्टम एवं सेफगार्ड इनफारमेंशन सिस्टम का निर्माण भी यह सेल करेगी।
संयुक्त वन प्रबंधन समितियों, सामुदायिक वानिकी समूहों, वन पंचायतों, ग्राम वन सुरक्षा समितियों द्वारा रेड प्लस का निर्माण व क्रियान्वयन की मानीटरिंग भी यह सेल करेगी। राज्य स्तरीय रेड प्लस ज्ञान के विस्तार व प्रसार के लिए मंच विकसित किया जाएगा। रेड प्लस के वित्तीय पोषण की संभावनाओं को तलाशने और रेड प्लस परियोजना का विकास करने और लाभ साझा करने का तंत्र भी तैयार किया जाएगा। रेड प्लस के क्रियान्वयन हेतु तकनीकी एवं संस्थागत सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में रेड प्लस के क्रियान्वयन हेतु तकनीकी एवं संस्थागत सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य में रेड प्लस के क्रियान्वयन हेतु योजनाओं और परियोजनाओं को अनुमोदन देना व उन्हें वित्तीय सहायता हेतु नेशनल डेजिग्नेटिड एंटिटी को प्रस्तुत किया जाएगा।
राज्य वन विभाग एवं ग्राम स्तरीय संस्थाओं को प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास हेतु सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन यह सेल करेगी। आंकड़ों का संग्रहण प्रंधन एवं सेफगार्ड के मानकों के पालन को संस्थागत रुप दिया जाएगा। राष्टÑीय व अंतराष्टÑीय नीति प्रक्रिया व विकास के लिए पायलट प्रोजेक्ट से सीख प्राप्त करने की व्यवस्था भी यह सेल करेगी। रेड प्लस सेल की बैठक तीन माह में एक बार अनिवार्य रुप से होगी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख इस रेड प्लस सेल के अध्यक्ष होंगे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्य आयोजना, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक विकास, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुश्रवण एवं मूल्यांकन तथा भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रतिनिधि) और दो रेड प्लस विशेषज्ञ एके भट्टाचार्य सेवानिवृत्त अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक और डॉ भास्कर सिन्हा चेयर क्लाईमेट चेंज सेंटर भारतीय वन प्रबंध संस्थान भोपाल इसके सदस्य होंगे। इसके अलावा वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट नई दिल्ली के प्रतिनिधि भी इसके सदस्य होंगे। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ग्रीन इंडिया मिशन इसके नोडल अधिकारी होंगे।
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