सुशील मोदी की कांग्रेस-JDU-RJD समेत विपक्षी दलों को चुनौती, कही तिलमिला देने वाली बात


पटना
तमाम विवादों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नए संसद भवन का उद्घाटन कर इसे देश को समर्पित कर दिया है। इस मामले में एक पखवाड़े से अधिक समय से चल रही सियासी खींचतान आज और तेज हो गई है।  विपक्षी आरजेडी ने नए संसद भवन की तुलना ताबूत से करके नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।  इस बीच बीजेपी के सुशील मोदी ने सभी विपक्षी पार्टियों को तिल मिलाने वाली चुनौती दी है।  उन्होंने कहा है कि आरजेडी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों के द्वारा नए संसद भवन का विरोध किया जा रहा है। उनके नेता उद्घाटन समारोह में भी शामिल नहीं हुए।  इसका कारण यह है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत है। अगर विपक्षी दल के नेता नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करते हैं तो उन्हें इसमें कदम भी नहीं रखना चाहिए।
 
 सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति से मात्र ढाई साल इस समय अवधि में यह भव्य संसद भवन बनकर तैयार हो गया है। इसका श्रेय तो उन्हें मिलेगा ही। विपक्षी दलों के नेताओं को अगर संसद भवन से घृणा है तो उन्हें इसमें कदम भी नहीं रखना चाहिए।  कांग्रेस पार्टी एनसीपी समेत सभी लोगों को यह ऐलान करना चाहिए कि नया संसद  अपवित्र भवन है।  इस भवन के अंदर वे कदम भी नहीं रखेंगे।  इसके लिए तत्काल लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दें।
 

आरजेडी द्वारा संसद भवन की तुलना ताबूत से किए जाने पर सुशील मोदी ने राजद नेताओं को आड़े हाथों लिया।ब उन्होंने कहा कि यह कार्य  न सिर्फ संसद भवन के साथ भद्दा मजाक है बल्कि,  लोकतंत्र की खिल्ली उड़ाई गई है। उनकी इस गतिविधि के लिए देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।  आरजेडी के इस विवादित  ट्वीट पर देश की राजनीति गरमा गई है। क्योंकि संसद भवन की तुलना ताबूत से करते हुए उसकी तस्वीर पेश करना बहुत सारे छिपे हुए  हुए घाव को बयान करता है।

ताबूत वाली तस्वीर पर निशाना साधते हुए सुशील मोदी ने आरजेडी पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि नया संसद भवन जनता के पैसे से बना है जिसमें सभी दलों के लोग बैठेंगे। आज इन लोगों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। लेकिन,  कल सदन की कार्रवाई तो वही चलने वाली है। क्या राष्ट्रीय जनता दल ने तय कर लिया है कि उनके सदस्य परमानेंट बहिष्कार करेंगे? क्या उनके नेता लोकसभा और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे?  पूछा कि ताबूत का चित्र दिखाना लोकतंत्र का बड़ा अपमान है या नहीं?  एक राजनीतिक दल इतनी घटिया मानसिकता का प्रदर्शन करेगी ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता।

सुमो ने कहा  आज यह शुभ दिन है और देश के गौरव का दिन है जब नया संसद भवन पूरे देश को समर्पित किया गया है।  इसकी तुलना मृत व्यक्ति को रखे जाने वाले बक्से से करना देशद्रोह के जैसा कार्य है। इन लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। उन्हें इतनी भी समझ नहीं है कि कॉफिन  चित्र के साथ करना कितना बड़ा अपमान है।

 

The Naradmuni Desk

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