भोपाल
तकनीकी शिक्षा विभाग इंजीनियरिंग कॉलेजों की दूसरे राउंड की काउंसलिंग कर रहा है। विभाग आज मेरिट जारी कर कल अलॉटमेंट करेगा। इस बार प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एग्रीकल्चरल, एग्रीकल्चर और एग्री इंजीनियरिंग जैसे नई ब्रांचों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट्स, इंटरनेट आॅफ थिंग्स, डेटा साइंस सहित 48 ब्रांचों में की करीब 54 हजार सीटों पर प्रवेश कराने आॅनलाइन काउंसलिंग कराई जा रही है।
दूसरे राउंड में प्रवेश लेने 20 हजार 425 नये रजिस्ट्रेशन और 22 हजार 621 विद्यार्थियों ने च्वॉइस फिलिंग की है। इसमें विभाग को करीब 2 लाख च्वॉइस फिलिंग मिली है। सत्र 2021-22 में विद्यार्थियों का कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) ब्रांच से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने में अधिक रुझान दिखाया है। सीएसई की 13 हजार 325 सीटों पर प्रवेश लेने सबसे ज्यादा 40609 च्वॉइस फिलिंग हुई है। सबसे कम 50 विद्यार्थियों ने एप्लाईड इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्टूमेंटेशन में च्वॉइस फिलिंग दी है। सिविल इंजीनियरिंग से अधिक मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन (ईसी), इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में अधिक रुझान है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग से आगे ईसी और आईटी बनी हुई है। विभाग दूसरे चरण की मेरिट सूची आज जारी करेगा और आवंटन कल होगा। विद्यार्थी 23 अक्टूबर तक प्रवेश ले पाएंगे।
एप्लाईड इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्टूमेंटेशन को सबसे कम पांच च्वाइस फिलिंग मिली है। रोबोटिक्स एंड मेक्ट्रोनिक्स, माईनिंग एंड मिनरल प्रोसेसिंग, फूड टेक्नोलॉजी, डाटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, सिविल एंड रुरल, बायोमेडिकल एंड रोबोटिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एग्री टेक्नोलॉजी और 3डी एनिमेशन एंड ग्राफिक्स को 100 से भी कम च्वॉइस के रूप में चुना गया है।
प्रथम राउंड में विद्यार्थियों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स एंड मैक्ट्रॉनिक्स, डाटा साइंस, इलेक्ट्रिकल इंटरनेट आॅफ थिंग्स, माइनिंग एंड मिनरल प्रोसेसिंग पर प्रवेश लेने अपनी च्वॉइस फिलिंग की। इसके में उन्हें अलॉटमेंट भी किए गए, लेकिन विद्यार्थियों ने प्रवेश लेना उचित नहीं समझा। वे दूसरे राउंड में भागीदारी कर रहे हैं, ताकि उन्हें बेहतर कॉलेज के साथ पसंदीदा ब्रांच मिल सके।
कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता का कहना है कि कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में अधिक रुझान है। विद्यार्थी को कोर ब्रांच की अपेक्षा सीएसई में अधिक नौकरी के अवसर मिलते हैं। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन, इंटरनेट आॅफ थिंग्स (आईओटी) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस व रोबोटिक्स, फाइव-जी टेक्नोलॉजी में प्लेसमेंट की संभावना बन रही हैं।
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