डीएमएफ कमेटी से प्रभारी मंत्री की होगी छुट्टी, केन्द्र सरकार का फैसला


रायपुर
छत्तीसगढ़ के खनिज बहुल जिलों में गठित जिला खनिज न्यास संस्थान यानी डीएमएफ की समिति में अपना हस्तक्षेप करते हुए केन्द्र सरकार ने जो निर्णय लिया उसके चलते डीएमएफ समिति से प्रदेश सरकार के सभी प्रभारी मंत्रियों की छुट्टी हो गई है और इसकी पूरी जवाबदारी जिला कलेक्टर को सौंपी है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने जो आदेश जारी किया है उसके अनुसार छत्तीसगढ़ में डीएमएफ की समिति के अध्यक्ष प्रभारी मंत्री हुआ करते थे उसके स्थान पर अब जिला कलेक्टर ही अध्यक्ष होंगे। क्षेत्री से सांसद इस समिति के सदस्य होंगे। ऐसे में साफ है कि केंद्र के इस कदम के बाद छत्तीसगढ़ में डीएमएफ के मामले में प्रभारी मंत्री और विधायक बाहर हो जाएंगे। इसी आदेश में ये भी कहा गया है कि लोकसभा सदस्य संंबंधित जिले की कमेटी में सदस्य के रूप में शामिल होंगे

केंद्र सरकार के खनिज मंत्रालय ने ये आदेश जारी किया है कि डीएमएफ कमेटी में अब चेयरमैन यानी अध्यक्ष के पद पर जिला कलेक्टर, डिप्टी कमिश्नर, जिला दंडाधिकारी ही होंगे। इनके अलावा कोई भी व्यक्ति इस कमेटी का अध्यक्ष नहीं हो सकता। सूबे में कांग्रेस की सरकार के सत्त्तासीन होने के बाद डीएमएफ के मामले में नियम में बदलाव किया गया था। राज्य सरकार की बनाई व्यवस्था के तहत राज्य में जिलों की खनिज न्यास संस्थान में जिले के प्रभारी मंत्री को इसका अध्यक्ष बनाया गया था और कलेक्टर को सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कांग्रेस सरकार ने राज्य की कमेटियों में विधायकों को सदस्य के रूप में शामिल किया था। दरअसल कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए भी ये सवाल उठाती रही है कि चुने हुए प्रतिनिधियों को अधिकार से वंचित कर कलेक्टरों को अधिकार दिए गए हैं। उस समय ये व्यवस्था पिछली राज्य सरकार ने बनाई थी।

उल्लेखनीय है कि डीएमएफ फंड से राज्य के खनन प्रभावित जिलों को खनन के अनुपात में राशि मिलती है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य को यह राशि 6 हजार 470 करोड़ रुपए मिलेगी। इस राशि से राज्य सरकार प्रभावित क्षेत्र में इलाज, शिक्षा व अन्य आवश्यक कार्यों पर राशि खर्च करती है।

इस मामले में रायगढ़ सांसद गोमती साय ने कहा कि इसके लिए सदन में बकायदा प्रस्ताव लाया गया था इसके बाद केंद्र की ओर से राज्य सरकार को आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में कलेक्टर ही डीएमएफ के अध्यक्ष और सांसद ,जिला पंचायत अध्यक्ष इसके सदस्य हुआ करते थे लेकिन प्रदेश में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद क्लेक्टर को डीएमएफ का सचिव और प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष बना दिया गया था।

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.