लखनऊ
उत्तर प्रदेश में नए डीजीपी के लिए शासन स्तर पर कवायद तेज हो गई है। शासन ने डीजीपी के लिए अर्हता पूरी करने वाले सभी आईपीएस अधिकारियों का ब्योरा केंद्र को भेज दिया गया है। इसमें वरिष्ठता के क्रम में नासिर कमाल का नाम सबसे ऊपर है। केंद्रीय स्तर पर जल्द ही बैठक होगी, जिसमें नए डीजीपी का पैनल तय किया जाएगा।
राज्य सरकार ने जिन अधिकारियों का ब्योरा केंद्र को भेजा है उसमें 1986 से 1990 बैच तक के 31 अधिकारियों के नाम शामिल हैं। डीजीपी के पद के लिए कम से कम 30 साल की सेवा पूरी करना जरूरी होता है। ऐसे में 1990 बैच तक के आईपीएस अफसरों की सूची भेज दी गई है। इसमें उन अधिकारियों का नाम शामिल नहीं किया गया है जिनका 6 माह के अंदर रिटायरमेंट है। हालांकि इसमें केवल एक नाम सुजानवीर सिंह का है, जो सितंबर में रिटायर हो जाएंगे।
सूत्रों का कहना है कि नए डीजीपी के लिए इस महीने के आखिर में यूपीएससी में बैठक होगी। इसमें यूपीएससी के चेयरमैन के अलावा केंद्रीय गृह विभाग के अफसर और यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी सदस्य होते हैं। एक अन्य अधिकारी यूपीएससी और केंद्रीय गृह विभाग की ओर से नामित किया जाता है। ये अधिकारी मिलकर तीन नाम तय करते हैं जिसे राज्य सरकार को भेजा जाता है और मुख्यमंत्री तय करते हैं कि इन तीन में से वह किसे डीजीपी बनाएंगे।
जिन 31 अफसरों के नाम भेजे गए है उसमें पहले नंबर पर 1986 बैच के आईपीएस नासिर कमाल का नाम है जो वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। दूसरे नंबर पर मुकुल गोयल हैं, वे भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। तीसरे नंबर पर एसआईटी और ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह हैं। इसके बाद विश्वजीत महापात्रा, जीएल मीणा, राज कुमार विश्वकर्मा, डीएस चौहान, आनंद कुमार और विजय कुमार के नाम प्रमुख हैं।
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