पूर्व मध्य रेलवे की सभी ट्रेनों में बयो टॉयलेट का उपयोग


हाजीपुर
 पर्यावरण संरक्षण को लेकर पूर्व मध्य रेल द्वारा व्यापक पैमाने पर रेल विद्युतीकरण, ट्रेनों का मेमू रेक में परिवर्तन, एचओजी, बयो टयलेट आदि कार्यों का निष्पादन किया गया है।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि भारतीय रेलवे दुनिया में पहली रेलवे है, जिसने ट्रेनों में पर्यावरण अनुकूल बायो टायोलेट परियोजना को लागू किया है। उन्होंने कहा कि 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत पूर्व मध्य रेल की सभी ट्रेनों को बयो टॉयलेट से युक्त किया जा चुका है।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि भारतीय रेल बड़ी हरित रेल बनने की ओर अग्रसर है तथा इसको सन 2030 तक 'जीरो कार्बन उत्सर्जक' बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

कुमार ने बताया, "पूर्व मध्य रेल के 87 प्रतिशत रेलखंड को विद्युतीत किया जा चुका है जिन पर विद्युत इंजन से ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। इससे पर्यावरण सुधार के साथ ही ईंधन की बचत हो रही है और समय पालन में भी सुधार हुआ है।"

उन्होंने कहा, "वर्ष 2020-21 में लगभग 311 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया। इस क्रम में कुल 4220 रूट किलोमीटर में से 3640 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। पूर्व मध्य रेल के 5 मंडलों में से समस्तीपुर मंडल के कुछ रेलखंडों को छोड़कर शेष 4 मंडल शत-प्रतिशत किए जा चुके हैं ।"

पर्यावरण संरक्षण में अपनी अग्रणी भूमिका निभाते हुए पूर्व मध्य रेल की एलएचपी कोचों से परिचालित होने वाली लगभग 58 टेनों में हेड अन जेनरेशन सिस्टम लगा दिया गया है।

कुमार बताते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के तहत उर्जा संरक्षण एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में पूर्व मध्य रेल द्वारा विशेष कार्य किया जा रहा है । पूर्व मध्य रेल के कार्यालय भवनों एवं स्टेशनों पर सौर उर्जा के पैनल लगाए गए हैं। इसी प्रकार जल संरक्षण के लिए रेल वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया गया है । रेलवे के ज्यादातर भवनों में यह व्यवस्था क्रियाशील है।

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.