विश्व पर्यावरण दिवस पर "रीजनेरेटिव टूरिज्म" पर वेबिनार आयोजित


भोपाल

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों ही स्तरों पर पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करें तो मध्यप्रदेश देश के सबसे सक्रिय राज्यों में से एक है। वर्तमान समय में पर्यटन की गतिविधियों को पर्यावरण से इस तरह से एकीकृत करने की आवश्यकता है जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय स्तर पर सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास हो सकें। यह बात प्रमुख सचिव, पर्यटन और संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 'रीजनरेटिव टूरिज्म' विषय पर आयोजित वर्चुअल वेबिनार को संबोधित करते हुए कही।

शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि दुनिया ने पिछले दस वर्षों में कई चिंताजनक बीमारियों का प्रकोप देखा है, जिनमें सार्स, मर्स, जीका और इबोला जैसे जानलेवा इन्फेक्शन शामिल हैं। यह इस बात का संकेत हैं कि हमे बीमारियों से बचने के लिए पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की ओर ध्यान देना होगा। ट्रेवल और टूरिज्म में हमे बदलती दुनिया के अनुरूप नए मानकों और बदलाव को शामिल करना होगा जो पर्यावरण संरक्षण के साथ आर्थिक विकास का वाहक बने।

शुक्ला ने कहा की यह वेबिनार पर्यावरण और स्थानीय समुदाय की भलाई सुनिश्चित करते हुए सभी हितधारकों को लाभान्वित करने और पर्यटन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर केंद्रित था। उन्होंने बताया कि ट्रेवल और टूरिज्म सेक्टर भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 7 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है, इसलिए यह सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है कि यह क्षेत्र धारणीय प्रथाओं को अपनाए और साथ ही इसका लाभ स्थानीय समुदायों को भी दे। मध्यप्रदेश में इसे ध्यान में रखते हुए वेलनेस एंड माइंडफुल टूरिज्म, केव एंड रॉक आर्ट टूरिज्म, ईको फ्रेंडली टूरिज्म, रूरल टूरिज्म और एग्रीकल्चर टूरिज्म जैसी अवधारणाओं पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही रूरल होम स्टे, ट्रेवल ट्रेल्स जैसे नए नवाचार भी शामिल किए गए हैं।

सभी वक्ताओं ने वेबिनार के दौरान इस बात पर जोर दिया कि 'रीजनरेटिव टूरिज्म'( Regenerative Tourism) दुनिया भर में एक बड़े आंदोलन का हिस्सा है। क्योंकि पर्यटक प्रकृति की ओर लौटने की जीवन शैली अपना रहे हैं और होटलों से भी पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने की मांग करते हैं। पैनलिस्टों ने बताया कि कोरोना समय में पर्यटकों की मानसिकता में एक अलग बदलाव देखा गया हैं। अब हर पर्यटक एक-दूसरे, समुदाय और प्रकृति के साथ संपर्क में लौटना चाहता है, इसी के अनुरूप हमे भी ट्रेवल और टूरिज्म के क्षेत्र में भी बदलाव करने होंगे।

ऑनलाइन वेबिनार में ट्रेवल, टूरिज्म और पर्यावरण के क्षेत्र के विख्यात वक्ताओं ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिसमे डब्ल्यूटीएम( WTM) के रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म एडवाइजर डॉ. हेरोल्ड गुडविन, कृषि पर्यटन विकास कंपनी के प्रबंध निदेशक पांडुरंग तवारे, इंडेको लेज़र होटल्स के चेयरमैन और एमडी स्टीव बोर्गिया सहित जहांनुमा वाइल्डरनेस के निदेशक और सीईओ अली राशिद, वाइल्डलाइफ प्रेजेंटर, फिल्म निर्माता और संरक्षणवादी सुयश केशरी शामिल है। वेबिनार में भारत और विदेशों के यात्रियों, मीडिया, होटल और रिसॉर्ट मालिक, ट्रेवल एजेंट, छात्र, पर्यावरणविद और पर्यावरण व प्रकृति प्रेमी भी ऑनलाइन शामिल हुए।

The Naradmuni Desk

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