सांसद और विधायक निधि से निजी कॉलोनियों में होंगे काम


भोपाल
सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान प्रदेश की कॉलोनियों और बहुमंजिला आवासों में रहने वाले भवन स्वामियों के लिए रहवासी संघ वेलफेयर स्कीम बनाएगा। इस नीति के बनने के बाद रहवासी कॉलोनियों के भीतर भी सांसद और विधायक निधि से काम कराए जा सकेंगे। अभी तक रहवासी संघ वेलफेयर के लिए कोई नीति नहीं है। रहवासी संघ प्रकोष्ठ अधिनियम के तहत रजिस्ट्रार कॉपोरेटिव सोसायटी या रजिस्ट्रार आॅफ कंपनी के पास पंजीयन कराते हुए अपनी गतिविधियों का संचालन करते है।

लेकिन इसके लिए अभी तक कोई स्पष्ट नियम तय नहीं है। अक्सर विवाद होते रहते है। इसलिए अब राज्य सरकार ने अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान से रहवासी वेलफेयर स्कीम तैयार करने को कहा है। जो नई नीति तैयार होगी उसमें इस बात के स्पष्ट प्रावधान किए जाएंगे कि इसके लिए पंजीयन कहां कराना होगा। रखरखाव के लिए क्या नियम होंगे यह स्पष्ट होंगे। पंजीयन कराने के बाद क्षेत्रीय एसडीएम को जानकारी देना होगा।

विवाद की स्थिति में अपील कलेक्टर के पास की जा सकेगी। मॉनिटरिंग नगरीय निकाय करेंगे। अभी तक सांसद और विधायक निधि से निजी रहवासी कॉलोनियों में काम नहीं किया जाता है। नई नीति बनने के बाद निजी रहवासी कॉलोनियों में सुविधाओं के विस्तार के लिए सांसद और विधायक निधि और अन्य जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली निधि से भी विकास कार्य कराए जा सकेंगे।

रहवासी संघ वेलफेयर स्कीम बन जाने के बाद यहां सड़क, बिजली, पानी, साफ -सफाई की व्यवस्थाओं, भवन मरम्मत और अन्य विकास कार्य करने के लिए पहले से नियमों में प्रावधान रहेगा। इसके लिए आवास के आकार के हिसाब से मेन्टेंनेस के लिए मासिक शुल्क भी तय रहेगा। रहवासी संघ के पंजीयन कराने के पहले चुनाव की प्रक्रिया भी तय रहेगी।

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.