नई दिल्ली
कोरोना वायरस के इलाज में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी गेमचेंजर साबित होगी, ऐसा कई डॉक्टरों ने भारत में दावा किया था। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (कॉकटेल ड्रग) का इस्तेमाल मई के आखिर से शुरू हुआ था। डॉक्टरों ने कहा था कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भारत में फैले कोरोना वैरिएंट B.1.617 पर प्रभावी है। हालांकि अब इसका परिणाम भी दिखने लगा है। दिल्ली के गंगा राम अस्पताल की ओर जानकारी दी गई है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का रिजल्ट बेहतर आए हैं और दो कोविड-19 के मरीजों को 12 घंटे के अंदग ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने पहले सात दिनों के भीतर कोरोना लक्षणों की तेजी के बाद एक साथ 2 कोविड रोगियों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दी। जिसके बाद दोनों मरीज ठीक हो गए और 12 घंटे के भीतर उन्हें छुट्टी दे दी गई। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के इस्तेमाल से 12 घंटे में ठीक हुए ये मरीज दिल्ली के गंगा राम अस्पताल की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक तेज बुखार, खांसी, मायलगिया, गंभीर कमजोरी और ल्यूकोपेनिया वाले 36 वर्षीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता को बीमारी के छठे दिन REGCov2 दिया गया।
मरीज के पैरामीटर में 12 घंटे के भीतर सुधार हुआ और उन्हें अस्पातल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। दूसरा मामला 80 वर्षीय आर के राजदान का था जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे और उन्हें तेज बुखार और खांसी थी। राजदान की ऑक्सीजन कमरे की हवा पर उनकी ऑक्सीजन 95 प्रतिशत से अधिक थी। सीटी स्कैन में हल्की बीमारी की पुष्टि हुई। उन्हें बीमारी के पांचवे दिन REGCov2 दिया गया था। जिसके बाद 12 घंटों में उनके पैरामीटर में सुधार हुआ।
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