इंदौर
कुलकर्णी भट्टा पुल के लिए नगर निगम को 101 परिवारों का विस्थापन और करना होगा। पहले चरण में 16 मकानों में रहने वाले 32 परिवारों को लाटरी पद्धति से प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैट बुढ़ानिया में दिए जा चुके हैं। अब दूसरे चरण का सर्वे भी पूरा हो गया है, जिसमें पता चला है कि 69 मकानों में 101 परिवार रहते हैं।
कुलकर्णी भट्टा पुल का निर्माण करीब ढाई साल से हो रहा है। पुल की तीनों स्लैब तो डल चुकी हैं, लेकिन अब दोनों तरफ 100-100 फीट की एप्रोच रोड बनाने के लिए कुल 85 मकान तोड़ने होंगे। इससे पहले वहां रहने वाले 133 परिवारों का रियायती दरों पर फ्लैट भी देने होंगे। यही वजह है कि फरवरी सेे पुल का काम ठप पड़ा है। नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभारी अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा ने बताया कि दूसरेे दौर का सर्वे पूरा हो गया है। दो-तीन दिन में पुल से प्रभावित हो रहे परिवारों को लाटरी माध्यम से फ्लैट देने की प्रक्रिया करेंगे। लोगों को वैकल्पिक फ्लैट बुढ़ानिया स्थित गिरनार परिसर में दिए जा रहे हैं।
हर परिवार से एक बीएचके के एक फ्लैट के एवज में दो लाख रुपये लेना हैं। आवंटन के समय हर परिवार को कम से कम 10 प्रतिशत राशि (20 हजार रुपये) जमा करवाई जा रही है। बाकी राशि आसान किस्तों में देय होगी। अधीक्षण यंत्री ने बताया कि डेढ़-दो महीने में फ्लैट के बचे काम पूरे कर प्रभावित परिवारों को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा। जैसे-जैसे परिवारों की शिफ्टिंग होती जाएगी, पुल निर्माण में बाधक मकानों को तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। कुलकर्णी भट्टा पुल 100 फीट चौड़ाई में बनाया जा रहा है।
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