लखनऊ
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर सपा कार्यकर्ताओं के शोषण करने का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा, 'प्रदेश के पंचायत चुनावों में भाजपा बुरी तरह पराजित हुई है। आगामी विधानसभा चुनावों में भी उसे अपना भविष्य अंधकारमय दिख रहा है। इसलिए एक और जहां वह विपक्ष के और खासकर समाजवादी पार्टी के नेताओं के विरूद्ध उत्पीड़न की कार्यवाहियां कर रही है। वहीं दोहरा चरित्र दिखाते हुए भाजपाई नेता और विधायकों की अवैध कार्रवाइयों को खुला समर्थन दे रही है। अधिकारियों को भी वह अपने स्वार्थ का मोहरा बनाने की कोशिशों में लगी है जिससे प्रशासकीय क्षेत्रों में भी असंतोष पनप रहा है।
अखिलेश ने कहा, 'कोविड के नाम पर भाजपा समाजवादी पार्टी के नेताओं को निशाना बना रही है, जबकि भाजपा नेता-विधायक खुलेआम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। भाजपा की हिटलरशाही का उदाहरण है कि हरदोई के पाली थाना क्षेत्र में बैठक कर रहे समाजवादी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष सहित 13 लोग नामजद किया है और 120 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।
भाजपाई चाहे जितनी तादाद में मिलें और बैठकें करें उन पर पुलिस चुप रहती है।' यादव ने कहा कि औरैया में समाजवादी पार्टी के नेता जिला पंचायत सदस्य अवनेश खटिक के घर पहुंच कर राजस्व विभाग की टीम ने अभद्र व्यवहार किया। राजनीतिक द्वेष के चलते फर्जी मुकदमों में फंसाने के साथ समाजवादी पार्टी के नेता का मकान तोड़ने की भी धमकी दी गई है। एटा में समाजवादी पार्टी के नेता जोगिन्दर सिंह की मार्केट को कोर्ट का स्टे होने के बाद भी तोड़ा जाना अन्याय है। भाजपा सरकार की मनमानी निंदनीय है। जहां समाजवादी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मनमानी तानाशाही की कार्यवाहियां चल रही हैं, वहीं भाजपा नेता निरंकुश तरीके से काम कर रही हैं।
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