ग्वालियर
काेरोना की पहली लहर के बाद आई दूसरी लहर अधिक घातक रही। दूसरी लहर ने मनुष्यों को ही नहीं मौसमी बीमारियों को भी प्रभावित किया है। इस मौसम में आने वाली तमाम बीमारियां कोरोना में शामिल हो गई। आलम यह रहा जिन लोगों को टाइफाइड (बुखार) की शिकायत थी, उन्होंने ने भी कोरोना का इलाज लिया। यानी बीमारी कोई भी पर इलाज कोरोना का चला। इसका लाभ मिला तो कुछ हानि भी मरीजों को उठानी पड़ी।
डाक्टरों ने भी मान लिया कि जो भी लक्षण आ रहे हैं वह सब कोरोना के ही हैं, पर हकीकत में ऐसा नहीं था। जिन लोगों की कोरोना जांच निगेटिव आई उन्हें भी चिकित्सकों ने इलाज कोरोना का ही दिया। यही नहीं शासन से जारी मेडिकल किट की दवाओं का सेवन लोगों ने बीमार होने पर बिना कोरोना जांच कराए ही किया। लोगों में इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिले।
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