कैप्टन सरकार ने दबाव के बाद बदली वैक्सीन नीति


चंडीगढ़

पंजाब में टीकाकरण नीति में परिवर्तन कर दिया गया है। निजी अस्पतालों में दोगुने दाम पर कोरोना वैक्सीन बेचने के मामले में विपक्ष के जबरदस्त विरोध का सामना कर रही पंजाब सरकार बैकफुट पर आ गई। पंजाब में अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने वैक्सीन नीति का विरोध किया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रकाश जावड़ेकर ने भी इस मामले में कैप्टन सरकार पर निशाना साधा था।

 


इससे पहले गुरुवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पंजाब सरकार पर निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेचने का आरोप लगाया था।  मामले को गंभीर बताते हुए सुखबीर ने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की थी। शिअद प्रधान ने पंजाब के लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।

इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने सफाई दी कि उनका टीकों पर नियंत्रण नहीं है। वे सिर्फ उपचार, परीक्षण, कोरोना के नमूने और टीकाकरण शिविरों को देखते हैं। इन आरोपों की जांच करवाई जाएगी। वे खुद भी मामले की जांच कर सकते हैं।

केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कैप्टन टीकाकरण को लेकर गंभीर नहीं हैं। यही वजह है कि पंजाब में टीकों की कालाबाजारी जोरों पर है। पंजाब सरकार भी केंद्र से मिलने वाले मुफ्त टीकों की खुराक को 1060 रुपये में निजी अस्पतालों को बेच रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार के प्रयासों से देशभर में 22.10 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। वहीं कांग्रेस शासित राज्यों द्वारा कोरोना वैक्सीन की कालाबाजारी व वैक्सीन की बर्बादी कर टीकाकरण अभियान को धीमा करने का प्रयास किया जा रहा है।

वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी को दूसरों को नसीहत देने से पहले कांग्रेस शासित पंजाब को देखना चाहिए। जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार को कोवाक्सिन की 1.40 लाख डोज 400 रुपये की दर पर उपलब्ध करवाई गई थी। पंजाब में इसे बीस निजी अस्पतालों को एक हजार रुपये की दर से दे दिया।

 

The Naradmuni Desk

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