भोपाल
व्यापमं जांच के लिए बनी सीबीआई ब्रांच के पास अब इससे संबंधित काम नहीं बचा है। इसके चलते उसे अब दूसरे घोटालों की जांच की जिम्मेदारी भी सौंपी जा रही है। इस मामले में व्यापमं के लिए गठित हुए सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच- 4 को बैंक आॅफ इंडिया से जुड़े 678 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच और छापे की जिम्मेदारी दी गई है।
सीबीआई एंटी करप्शन ब्रांच- 4 अब तक व्यापमं मामले की ही जांच कर रही थी, लेकिन अब उसके पास काम खत्म हो गया। इसके चलते अब इस ब्रांच का उपयोग सीबीआई में रजिस्टर्ड अन्य आर्थिक अपराध के मामलों में किया जाने लगा है। इस ब्रांच को गुजरात में बैंक आॅफ इंडिया की आठ ब्रांचों में हुए 678 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें अहमदाबाद और मेहसाणा में 6 स्थानों पर छापे डाले गए हैं। छापे मंगलवार की रात को डाले गए और आज सुबह तक चल रहे थे। यह पूरा घोटाला गुजरात में ही हुआ है।
सीबीआई की इस ब्रांच को इतने बढ़े घोटाले की जांच की जिम्मेदारी इसलिए दी गई कि इस ब्रांच का न्यायिक क्षेत्र पूरा भारत हैं। यह ब्रांच देश के किसी भी हिस्से में अपनी कार्यवाही कर सकती है और उसे क्षेत्र से संबंधित सीबीआई की विशेष अदालत में मामले का चालान आदि प्रस्तुत करने का अधिकार है। इसी कारण से इस टीम को गुजरात भेजा गया है।
इधर भोपाल एफसीआई के तीन अफसर और एक क्लर्क को आज भोपाल की जिला अदालत में पेश किया गया। चारों को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद इनके यहां डाले गए छापे में तीन करोड से ज्यादा की नकदी मिली थी। इनको पेश कर पांच दिन का रिमांड सीबीआई को मिला था। रिमांड की अवधि आज पूरी हो गई।
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