तेजस्वी यादव के IRCTC घोटाले में सीबीआई ने की ट्रायल की डिमांड


 पटना

बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में तेजस्वी यादव डेप्युटी सीएम हैं। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव मंगलवार को सुबह करीब 11:30 बजे कैबिनेट विस्तार करने जा रहे हैं। उससे ठीक पहले तेजस्वी यादव के लिए एक बुरी खबर आई है। IRCTC होटल घोटाले में CBI ऐक्टिव मोड में आ गई है। सीबीआई IRCTC घोटाले में ट्रायल में तेजी लाना चाहती है। यहां बता दें कि IRCTC होटल घोटाले में CBI की ओर से दायर FIR में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव के अलावा 11 और लोग आरोपी बनाए गए हैं। यह मुकदमा 2017 में दायर की गई थी। इस मामले की सुनवाई सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चल रही है।

यहां बता दें कि IRCTC होटल घोटाले में आरोपी बनाए गए विनोद कुमार अस्थाना ने फरवरी 2019 में दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई की कार्रवाई को चुनौती दी है। दाखिल याचिका में कहा गया है कि CBI ने कार्रवाई करने से पहले सरकार की मंजूरी नहीं ली है। तर्क दिया गया है कि मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है वह सभी लोग कथित घोटाले के वक्त सरकारी महकमे में थे ऐसे में सरकार की अनुमति अनिवार्य हो जाती है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने विनोद कुमार अस्थाना को ट्रायल कोर्ट में पेशी से छूट दे दी थी। इसके बाद केस में आरोपी बनाए गए सभी सरकारी कर्मचारियों ने याचिका दायर कर दी है। बताया जाता है कि इसी वजह से ट्रायल में देरी हुई थी और अब तक इस मामले में आरोपों पर बहस शुरू नहीं हुई थी।

पिछले सप्ताह CBI ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर विनोद कुमार अस्थाना की याचिका पर फैसले की मांग की थी। साथ ही सीबीआई की डिमांड है कि वह यह शर्त लगा सकता है कि अस्थाना की अर्जी पर फैसले के मुताबिक ही आरोपों को तय किया जाएगा। लेकिन आरोपों पर बहस अब शुरू करने की परमिशन मिलनी चाहिए।

IRCTC घोटाले में कार्रवाई पर क्या है तेजस्वी यादव का पक्ष?
नवनियुक्त डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग को अपने आवास के अंदर कार्यालय खोलने और जो कुछ भी चाहते हैं उसकी जांच करने के लिए आमंत्रित किया। यादव ने कहा, हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है। तेजस्वी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स के लोग मेरे घर के अंदर कार्यालय खोलें। फिर भी, अगर उन्हें शांति नहीं मिली तो मैं क्या कर सकता हूं। वे हमारे खिलाफ जो भी जांच करना चाहते हैं, उससे हमें कोई आपत्ति नहीं है।’


तेजस्वी ने कहा, ‘जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ठीक ही कहा कि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और हम केंद्रीय एजेंसियों से डरते नहीं हैं। उन्होंने मुझे बहुत पहले चार्जशीट किया है। उनके पास मेरे खिलाफ सबूत नहीं है। मामला (आईआरसीटीसी घोटाला) ऐसे समय में हुआ जब मेरी दाढ़ी और मूंछ नहीं थी।’ तेजस्वी ने कहा, ‘बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में 18 महीने के कार्यकाल के दौरान मुझ पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। हमारे पास राजद कोटे के तहत 18 मंत्री हैं और उनमें से कोई भी किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के मामले में शामिल नहीं था।’

The Naradmuni Desk

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