CBI छापा: पार्टनर मिलकर कर रहे थे FCI का काम


ग्वालियर
फूड कॉर्पोरेशन आॅफ इंडिया (एफसीआई) मामले में सीबीआई ने देर रात ग्वालियर के एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी से भी पूछताछ की। साथ ही उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया है। इस व्यवसायी के घर पर सीबीआई की टीम ने मंगलवार को छापा डाला था, लेकिन व्यवसायी के शहर से बाहर होने के चलते मंगलवार को पूछताछ नहीं हो सकी। गौरतलब है कि सीबीआई डीएसपी अतुल हजेला के नेतृत्व में मंगलवार को 13 स्थानों पर डाले गए छापे थे।

बताया जाता है कि ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक के गायत्री विहार परिसर स्थित आवास पर छापा डाला गया था। यहां से सीबीआई की टीम ने एफसीआई में अनाज पहुंचाने के दस्तावेज बरामद करने के साथ ही एफसीआई के अफसरों के साथ हुए अवैध लेनदेन के भी दस्तावेज बरामद किए हैं। छापा डालने के दौरान ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक शहर में नहीं थे। सीबीआई ने उन्हें बुलाया, वे देर रात ग्वालियर पहुंचे। इसके बाद सीबीआई ने उन्हें एक गेस्ट हाउस में बुलाकर पूछताछ की। पूछताछ में उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पूछताछ में ग्वालियर के व्यवसायी के मोबाइल में भी लेनदेन की जानकारी मौजूद थी, लिहाजा सीबीआई ने मोबाइल को जब्त कर लिया है। बताया जाता है कि इस फर्म में चार-पांच पार्टनर है।

सूत्रों की मानी जाए तो सीबीआई ने मंगलवार को जिन स्थानों पर छापे डाले थे, उनके यहां से एफसीआई के अफसरों के साथ अवैध लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं। सीबीआई ने मंगलवार को भोपाल में आजाद मार्केट, अशोक गार्डन के अलावा विदिशा के अरिहंत विहार कॉलोनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, झाबुआ, खंडवा, ग्वालियर के साथ ही महाराष्टÑ के नांदेड और जलगांव सहित 13 स्थानों पर छापे डाले गए थे। छापे के साथ ही सभी जगह पर ट्रांसपोर्ट के मालिकों से पूछताछ भी की गई थी।

एफसीआई में सिक्योरिटी कंपनी ने सीबीआई को शिकायत की थी। इसके बाद सीबीआई ने 28 मई को डिवीजनल  मैनेजर हरीश हिनायना, अकाउंट मैनेजर अरुण श्रीवास्तव, सिक्युरिटी मैनेजर मोहन पराते और क्लर्क किशोर मीणा को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद इन चारों के घर पर छापे डाले गए थे। जहां से तीन करोड एक लाख रुपए कैश मिले थे। इसके बाद सीबीआई ने क्लर्क  किशोर मीणा पर आय से अधिक सम्पत्ति का भी प्रकरण दर्ज किया था। इसी मामले में मंगलवार को 13 स्थानों पर छापे डाले गए।

इधर सीबीआई को अपनी जांच में पता चला है कि एफसीआई का बाबू किशोर मीणा रिश्वत के पैसों को ब्याज पर भी देता था। उसने भोपाल के एक व्यापारी को लाखों रुपए ब्याज पर दिए हैं। इस पर वह दो प्रतिशत ब्याज हर महीने वसूलता है, इसके भी दस्तावेज सीबीआई ने बरामद किए हैं।

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.