कोल माफियाओ का गढ़ बना चिरमिरी,धडल्ले से चल काला व्यवसाय


मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर

चिरमिरी मे अवैध कोयला कारोबारियों को अब प्रशासन का भी भय नहीं रह गया है। उनका अवैध कोयले का कारोबार धडल्ले से जारी है। आलम यह है कि एसईसीएल द्वारा कोयला निकाले जाने के बाद उस क्षेत्र को खनन के लिये प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है।

प्राप्त समाचारों के अनुसार अवैध कोयला कारोबारियों के द्वारा  सैकड़ों की संख्या में गांव के भोले भाले लोगों को अपने झांसे में लेकर उनसे मजदूरी करा रहे है साथ ही इस खनन में वे जेसीबी का भी इस्तेमाल कर रहे। बताया जाता है कि एसईसीएल के द्वारा कोयला खनन के बाद छोड़े गये स्थान को एसईसीएल साफ तौर पर उस को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर चुका है।ऐसे क्षेत्र से अवैध कारोबारी ने कोयले का खनन कर अपने ट्रैक्टर के माध्यम से इसका परिवहन कर रहे हैं।

सूत्रों से जो जानकारी मिली है उनकी यदि माने तो जिस स्थान से कोयला अवैध खनन किया जा रहा है वहां काफी खतरनाक सुरंगों का जाल भी है ऐसे में किसी बडी अनहोनी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। अवैध रूप से निकाले जा रहे इस कोयले को  आसपास के ईट भ_ा संचालकों को दिया जाता  है साथ ही इसे जिले के अन्य व्यापारियों के पास खपाया जाता है। तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस तरह से खुदाई करते करते कितनी बड़ी सुरंग बना ली हैं।

कोल माफिया इतने एडिल व दबंगई के साथ कारोबार करते हैं कि इनके बीच में अगर कोई इन्हें रोकने की कोशिश करता है तो यह लोग रोकने वाले के ऊपर प्राणघातक हमला कर देते हैं। इसका नतीजा अभी हाल ही में एमसीबी के पड़ोसी जिला कोरिया के चरचा थाना क्षेत्र मे घटना को देखने से समझ में आ जाता है।कोयला चोर सीधे तौर पर एसईसीएल सुरक्षा कर्मचारियों के साथ पत्थरबाजी एवं मारपीट करने वाले जैसे  मामले भी आ चुके हैं फिलहाल उन सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

The Naradmuni Desk

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