रायपुर
पिछले सवा साल से कोरोना महामारी के चलते कई परेशानियों से जूझ रहे मसीही समाज ने इससे सकारात्मक रूप से निपटने की रणनीति बनाई है। सीएनआइ सिनड के संविधान के अनुसार छत्तीसगढ़ डायसिस की स्टीवर्टशिप कमेटी ने फैसला किया है कि न सिर्फ आर्थिक रूप से बल्कि इंसान को ईश्वर प्रदत्त मिले वरदानों से समाज की सेवा की जाएगी। इसके लिए इस साल हर तीसरे माह में चार भंडारीपन रविवार मनाया जाएगा। इसे त्योहार के रूप में मनाएंगे। पहली तिमाही का भंडारीपन रविवार 13 जून को मनेगा। इसके बाद दूसरा 12 सितंबर को, तीसरा 12 दिसंबर को और चौथा 13 मार्च को मनाया जाएगा।
डायसिस के सचिव पादरी अतुल आर्थर और स्टीवर्ट शिप कमेटी के सचिव, प्रवक्ता जान राजेश पाल ने बताया कि बिशप राबर्ट अली की अध्यक्षता में स्टीवर्टशिप कमेटी व सीनियर पास्टर्स के साथ बैठक में तय किया गया कि भंडारीपन रविवार में विशेष आराधनाएं होंगी। इसमें दीन-दुखियों की सेवा, पुरोहितों को दी जाने वाली सुविधाओं, आराधनालयों के जीर्णोद्धार आदि के लिए दान संग्रह किया जाएगा। इसके लिए विशेष तरह के लिफाफे तैयार किए जा रहे हैं। भंडारीपन अभियान में पास्टरों की विशेष भूमिका होगी। डायसिस व चर्चों की कमेटियों, पास्ट्रेट कोर्ट, पास्ट्रेट कमेटी, महिला सभा, संडे स्कूल, युवा सभाओं आदि की विशेष सहभागिता होगी। मसीही समाज के सर्वांगीण विकास पर फोकस किया जाएगा। छत्तीसगढ़ को देश में आदर्श डायसिस बनाने भंडारीपन अभियान को लेकर जोरदार प्रचार-प्रसार किया जाएगा। डायसिस के पदाधिकारियों के प्रेरणादायक संदेश के वीडियो बनाए जाएंगे।
बैठक में बिशप राबर्ट अली, उपाध्यक्ष पादरी अजय मार्टिन, सचिव पादरी अतुल आर्थर, कोषाध्यक्ष सुशील गुप्ता, स्टीवर्टशिप कमेटी के अध्यक्ष पादरी आशीष वानी, डायरेक्टर पादरी स्टेनली विक्टर, सचिव जॉन राजेश पॉल, पादरी प्रेमेंद्र सिंह, पादरी सुनील कुमार, पादरी सुबोध कुमार, पादरी सुशील मसीह, पादरी सुमेंदु अधिकारी, पादरी सुषमा कुमार आदि शामिल हुए।
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